EC का कथन – महाराष्ट्र चुनाव में VVPAT-EVM में कोई मिसमैच नहीं, विपक्ष ने गड़बड़ी के आरोप लगाए थे
मुंबई, 10 दिसम्बर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मंगलवार को जानकारी दी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में EVM वोटों से वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के मिलान में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। आयोग ने बताया कि गत 23 नवम्बर को काउंटिंग के दिन, हर विधानसभा क्षेत्र के चार बूथों की VVPAT पर्चियों की गिनती की। इस गिनती में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। इस दौरान 288 विधानसभा क्षेत्रों के 1440 वीवीपैट यूनिटों की पर्चियों का मिलान किया गया था।
288 विस क्षेत्रों की 1440 वीवीपैट यूनिटों की पर्चियों का मिलान किया गया
दरअसल, विपक्षी दलों ने परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। यही नहीं वरन विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन शिवसेना (यूबीटी) की अगुआई में महा विकास अघाड़ी (MVA) के विधायकों ने शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया था।
इससे पहले विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि वोटिंग के दौरान EVM में छेड़छाड़ की गई और VVPAT की पर्चियों से वोटों का मिलान नहीं हो रहा है। 95 सीटों के 104 कैंडिडेट्स ने आयोग से EVM और VVPAT पर्चियों के मिलान करने की मांग की थी। आयोग के अनुसार 31 जिलों की 95 सीटों पर वैरिफिकेशन की मांग की गई थी।
गाइडलाइंस के अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र के पांच चुने हुए मतदान केंद्रों के VVPAT पर्चियों की गिनती जरूरी है। यह गिनती 23 नवम्बर को नतीजों वाले दिन चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर और कैंडिडेट्स के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई। चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र के 288 विधानसभा क्षेत्रों के 1440 VVPAT यूनिट की पर्चियों की गिनती संबंधित कंट्रोल यूनिट के डेटा से मिलाई गईं। कहीं कोई फर्क नहीं दिखा।
मारकडवाडी विवाद के कारण EVM पर विपक्ष ने सवाल उठाए
उल्लेखनीय है कि मारकरवाडी के लोगों ने गत तीन दिसम्बर को बैलेट पेपर से मॉक पोलिंग रखी थी, लेकिन प्रशासन ने इसे रोक दिया था। 23 नवम्बर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। सोलापुर जिले की मालसिरस विधानसभा सीट से NCP (शरद) उम्मीदवार उत्तमराव जानकर ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के राम सातपुते को हराया था।
रिजल्ट के बाद मालसिरस विधानसभा के मारकडवाडी गांव के लोगों ने दावा किया था कि गांव के ज्यादातर लोगों ने NCP प्रत्याशी को वोट दिए थे, लेकिन EVM के आंकड़े के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी को 1003 वोट मिले हैं और NCP प्रत्याशी को 843 वोट। ये गलत है।
गांववालों का दावा था कि भाजपा प्रत्याशी को 100-150 वोट से ज्यादा नहीं मिल सकते। गांववालों ने खुद के खर्चे पर स्थानीय प्रशासन से बैलट पेपर पर दोबारा मतदान कराने की अपील की थी, लेकन प्रशासन से इसे खारिज कर दिया था।
इसके बाद EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए गांववालों ने खुद बैलट पेपर पर मतदान का कार्यक्रम आयोजित किया। तीन दिसम्बर को सारी तैयारी की गई थी। पोलिंग बूथ तक बनाया गया था, लेकिन प्रशासन ने बैलेट पेपर से ग्रामीणों की तरफ से वोटिंग को रोक दिया था। 17 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।