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EC ने हिमंत बिस्वा सरमा और प्रियंका गांधी को जारी की कारण बताओ नोटिस, आपत्तिजनक टिप्पणियों पर मांगा जवाब

EC ने हिमंत बिस्वा सरमा और प्रियंका गांधी को जारी की कारण बताओ नोटिस, आपत्तिजनक टिप्पणियों पर मांगा जवाब

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नई दिल्ली, 26 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी की है और दोनों नेताओं से 30 अक्टूबर, सोमवार की शाम पांच बजे तक जवाब पेश करने के लिए कहा है।

दोनों नेताओँ को 30 अक्टूबर की शाम पांच बजे तक जवाब पेश करने का समय

हिमंत बिस्वा शर्मा जहां छत्तीसगंढ़ में ‘अकबर’ वाले अपने बयान को लेकर बुरे फंस गए हैं। छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हिमंत ने भूपेश बघेल की सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म को कमजोर कर, राज्य में धर्म परिवर्तन का बाजार खोल दिया है। वहीं प्रियंका गांधी ने राजस्थान के दौसा में अपने भाषण के दौरान चुनाव आचार संहिता का कथित उल्लंघन किया था।

अकबरवाले बयान से बुरे फंसे असम के सीएम

चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘एक अकबर अगर एक जगह पर आता है तो वे सौ अकबर को बुला कर लाते हैं, ये बात भूलिए मत। इसलिए जितनी जल्दी हो सके, उस अकबर को आप विदा कीजिए नहीं तो मां कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी।’

रैली के दौरान सरमा ने कहा, ‘हमारे देश में कांग्रेस के शासन काल में लव जिहाद की शुरुआत हुई। आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे राज्यों में आदिवासियों को हर दिन धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता है। जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो बघेल जी बोलते हैं, हम लोग सेक्यूलर हैं। हिन्दू को मारना-ठोकना क्या आपका सेक्यूलरिज्म है? ये देश हिन्दू का देश है और ये देश हिन्दू का ही रहेगा। ये सेक्यूलरिजम की भाषा हमें मत सिखाइए।’

कांग्रेस ने हिमंत पर लगाया समाज के कुछ वर्गों को भड़काने के प्रयास का आरोप

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमंत बिस्वा सरमा ने समाज के कुछ वर्गों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की मंशा से ये टिप्पणियां कीं। कांग्रेस ने ज्ञापन में ‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवकों और सैनिकों को दिए गए सरकारी आदेशों’ के खिलाफ शिकायत की है। उसका कहना है कि सरकार का यह कदम आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 का उल्लंघन है।

सरमा के इसी बयान के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए असम के मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस भेजी है। सरमा को 30 अक्टूबर सोमवार शाम पांच बजे तक अपना जवाब पेश करने के लिए कहा है अन्यथा चुनाव आयोग उनके खिलाफ उचित काररवाई करेगा।

प्रियंका गांधी ने दौसा रैली में पीएम मोदी के खिलाफ की थी टिप्पणी

उधर प्रियंका गांधी ने गत 20 अक्टूबर को दौसा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने हाल ही में टीवी पर कुछ देखा… मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं। पीएम मोदी देवनारायण मंदिर गए और दान पेटी में एक लिफाफा जमा किया। लोग सोच रहे थे कि इसमें क्या है, लेकिन जब इसे खोला गया तो इसमें से 21 रुपये निकले।’

प्रियंका गांधी के खिलाफ भाजपा ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी पर प्रियंका गांधी के खिलाफ काररवाई की मांग की। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रियंका गांधी राजस्थान की जनता को गुमराह कर रही हैं।

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