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अमित शाह के कहने पर शिवपाल यादव ने लड़ा था लोकसभा चुनाव? मिला था मंत्री पद का ऑफर!

अमित शाह के कहने पर शिवपाल यादव ने लड़ा था लोकसभा चुनाव? मिला था मंत्री पद का ऑफर!

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लखनऊ, 8 सितंबर। समाजवादी पार्टी के महासचिव व वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने बड़ा खुलासा करते हुए है कहा कि सपा से अलग होने के बाद वो बीजेपी के संपर्क में थे। साल 2022 में बीजेपी ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री पद का ऑफ़र दिया था। लेकिन, वो भाजपा के साथ नहीं गए क्योंकि उन्हें पार्टी की नीयत में खोट दिखाई दी।

इस दौरान सपा नेता शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से अनबन समेत कई तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की है। शिवपाल यादव ने साल 2018 में अलग पार्टी बना ली थी, जिसके बाद कुछ सालों तक उन्होंने अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने की भी कोशिश की। इस दौरान वो बीजेपी के संपर्क में भी रहे।

अमित शाह के संपर्क में थे शिवपाल

शिवपाल यादव से जब ये सवाल किया गया कि वो बीजेपी में किसके संपर्क में थे तो उन्होंने जवाब दिया दिल्ली में नंबर टू (अमित शाह)। उन्होंने खुलासा किया कि अमित शाह ने उन्हें मंत्री पद का ऑफर दिया था और मिलने के लिए दिल्ली भी बुलाया था लेकिन वो उनसे मिलने नहीं गए। शिवपाल यादव ने कहा कि उनके मन में ये था कि इन्हें इधर (बीजेपी में) मिलाते रहो और फायदा उठाते रहो.. लेना-देना कुछ नहीं। परिवार में फूट रहे… ये एकजुट न हो पाएं.. और उसका फायदा उठाओ।

अमित शाह ने दिया था ये ऑफर

शिवपाल यादव ने कहा कि अमित शाह ने मंत्री बनाने का ऑफ़र दिया था.. बुलाया भी था लेकिन मैं गया नहीं था. मेरे मन में मंत्री बनने का लालच नहीं था नहीं तो मैं चला जाता.., मैं तो हमेशा समाजवादी रहा, वहां मुझे क्या मिल जाता। उन्होंने माना कि वो 2017 से ही बीजेपी के संपर्क में थे। अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने 2019 में फिरोजाबाद से चुनाव भी लड़ा था।

अलग पार्टी बनाने पर कही ये बात

साक्षात्कार के दौरान शिवपाल यादव ने ये भी दावा किया कि जब अखिलेश यादव से विवाद के बाद वो अलग हो गए थे तो उन्होंने मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही अलग पार्टी बनाई थी। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश तुमसे बात करना नहीं चाहते है तो अलग से पार्टी बना लो। उन्होंने आशीर्वाद भी दिया था।

रामगोपाल यादव से अपने रिश्तों पर भी उन्होंने खुलकर बात की और बताया कि अब उन दोनों के रिश्ते पहले से बेहतर हो गए हैं। जब वो मिलते हैं तो पहले से ही बेहतर तरीके से बात होती है। माहौल अच्छा होता है। बता दें कि 2022 में शिवपाल यादव ने सपा के साथ अपनी पार्टी का विलय कर लिया था।

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