दिल्ली में फिर वायु प्रदूषण की मार : AQI 441 पहुंचते ही GRAP-4 लागू, फिर वर्क फ्रॉम होम, हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाने के आदेश
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के 441 दर्ज किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने शनिवार शाम ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-4 लागू कर दिया। यह फैसला प्रदूषण के लगातार बिगड़ते रुझान को देखते हुए लिया गया है।
CAQM की ओर से जारी प्रेस अपडेट के अनुसार, शनिवार अपराह्न चार बजे दिल्ली का AQI 431 दर्ज किया गया था, जो महज दो घंटे में बढ़कर 441 तक पहुंच गया। यह इस वर्ष का सबसे खराब स्तर था। आयोग ने कहा कि हवा की रफ्तार बेहद कम, वातावरण में स्थिरता, प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और प्रदूषकों के फैलाव की कमी के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए पूरे NCR में तत्काल प्रभाव से GRAP-4 के सभी प्रावधान लागू किए गए हैं।
GRAP-4 के तहत इन चीजों पर लागू होगा प्रतिबंध
GRAP-4 लागू होने के साथ ही राजधानी और आसपास के इलाकों में कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। दिल्ली और NCR में सभी तरह के निर्माण कार्यों (Construction Activities) पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। स्टोन क्रशर (पत्थर तोड़ने की इकाइयों) को पूरे NCR में बंद करने के आदेश दिए गए हैं। खनन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद व गौतम बुद्ध नगर में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चारपहिया वाहनों के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
हाइब्रिड मोड में चलेंगी कक्षाएं
उधर शिक्षा विभाग ने कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलाने के आदेश दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर बताया कि नर्सरी से लेकर 9वीं और 11वीं तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलेंगी। यह आदेश डीओई, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और निजी स्कूलों में लागू होगा।
स्कूल प्रमुखों को निर्देश
निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे हाइब्रिड मोड यानी फिजिकल और ऑनलाइन दोनों मोड में (जहां भी ऑनलाइन मोड संभव हो) तुरंत प्रभाव से अगले आदेश तक कक्षाएं चलाएं। इसके अलावा सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे ये जानकारी तुरंत अभिभावकों तक पहुंचाएं। सभी डीडीई से यह भी कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के स्कूलों का दौरा करें ताकि उपरोक्त निर्देशों का सुचारू रूप से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम
वहीं दिल्ली सरकार ने दफ्तरों को 50 फीसदी क्षमता पर काम करने का आदेश दिया है बाकी स्टाफ से वर्क फ्रॉम होम कराने को कहा गया है। निर्देश सरकारी के साथ प्राइवेट दफ्तरों पर भी लागू होगा। यह आदेश गाड़ियों की आवाजाही कम करने और पलूशन रोकने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है। हालांकि सभी प्रशासनिक सचिव और विभागों के प्रमुख नियमित रूप से ऑफिस आएंगे।
प्राइवेट दफ्तरों को सख्त आदेश
आदेश में सभी प्राइवेट संस्थाओं को अलग-अलग वर्किंग घंटे लागू करने का भी सुझाव दिया गया है। इसके अलावा प्राइवेट ऑफिसों को वर्क फ्रॉम होम नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। ऑफिस आने-जाने से संबंधित वाहनों की आवाजाही को भी कम करने का निर्देश दिया गया है।
इन पर लागू नहीं होगा वर्क फ्रॉम होम
वर्क फ्रॉम होम के आदेश सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों पर लागू नहीं होंगे। अग्निशमन सेवाएं, जेल, सार्वजनिक परिवहन, बिजली, पानी, स्वच्छता और संबंधित नगरपालिका सेवाओं को भी वर्क फ्रॉम होम से मुक्त रखा गया है। आपदा प्रबंधन, वायु प्रदूषण नियंत्रण, निगरानी और प्रवर्तन गतिविधियों में लगे विभागों और एजेंसियां के साथ अन्य जरूरी और इमरजेंसी सेवाओं पर भी वर्क फ्रॉम होम लागू नहीं होगा।
एजेंसियों को अलर्ट, सख्ती के निर्देश
CAQM ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदूषण रोकने के लिए निवारक कदमों को और तेज करें, ताकि हालात और खराब न हों। GRAP-4 के साथ-साथ GRAP के स्टेज-1, 2 और 3 के सभी प्रतिबंध भी पहले की तरह लागू रहेंगे।
गौरतलब है कि GRAP-4 को ‘Severe+ Air Quality’ की श्रेणी में लागू किया जाता है। हालांकि आधिकारिक मानक के अनुसार यह स्टेज AQI 450 से ऊपर लागू होता है, लेकिन मौजूदा रुझान और तेजी से बिगड़ते हालात को देखते हुए CAQM ने एहतियातन यह कदम उठाया है।
