नई दिल्ली, 4 अप्रैल। दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने हिन्दू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता की ओर से दायर जनहित याचिका को सुनने से इनकार करते हुए उसे खारिज की।
‘यह केजरीवाल का निजी फैसला होगा कि उन्हें सीएम बने रहना चाहिए या नहीं‘
हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि यह केजरीवाल का व्यक्तिगत फैसला होगा कि उन्हें बने रहना चाहिए या नहीं। कोर्ट ने केजरीवाल पर फैसला छोड़ते हुए यह भी कहा, ‘कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्र हित के अधीन रखना पड़ता है।’
कोर्ट ने कहा – ‘यदि संकट की स्थिति है तो राष्ट्रपति या एलजी फैसला लेंगे‘
हाई कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि यदि संकट की स्थिति है तो राष्ट्रपति या एलजी फैसला लेंगे, कोर्ट इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘हम कैसे घोषणा कर सकते हैं कि सरकार नहीं चल रही है। एलजी यह फैसला लेने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्हें हमारे गाइडेंस की आवश्यकता नहीं है। हम उन्हें सलाह नहीं दे सकते हैं। कानून के मुताबिक उन्हें जो करना है वह करेंगे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका का समाधान एलजी या राष्ट्रपति के पास है। याचिकाकर्ता उनसे प्रार्थना कर सकते हैं। इसके बाद विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।
गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर आज आ सकता है फैसला
इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट आज ही गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट में बुधवार को मामले की सुनवाई शुरू हुई तो पहले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा। फिर लंच के बाद ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में दलीलें दीं। सिंघवी ने हाई कोर्ट में कहा कि आम चुनाव आ गए हैं, इसलिए ऐसे समय में केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है, ताकि वो चुनावी अभियान का हिस्सा न बन सकें, न प्रचार कर सकें।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘कोर्ट को यह देखना होगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबर का मौका मिले। नवम्बर में पहला समन दिया गया और मार्च में गिरफ्तार कर लिया गया। PMLA के तहत गिफ्तारी के लायक ईडी के पास कोई सबूत नहीं है।’ हालांकि इस पर ED ने आपत्ति जताई।
तिहाड़ में बद हैं अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ 23 मार्च को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने 27 मार्च को ईडी को नोटिस जारी कर दो अप्रैल तक जवाब मांगा था। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा राउज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड के फैसले को भी चुनौती दी है। दरअसल, उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगले दिन उन्हें 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में एक अप्रैल तक बढ़ाया गया। एक अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया।