दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश : पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी 6 हफ्ते में खाली करें सरकारी बंगला
नई दिल्ली, 14 सितम्बर। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आदेश जारी किया कि भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को छह सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय राजधानी स्थित सरकारी बंगला खाली करना होगा। जस्टिस यशवंत वर्मा की एकल जज की बेंच ने स्वामी की याचिका का निबटारा करते हुए कहा कि उन्हें सरकारी बंगला पांच वर्षों के लिए आवंटित किया गया था और वह अवधि अब खत्म हो गई है।
स्वामी ने सरकारी बंगला फिर आवंटित करने की रखी थी मांग
सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उस बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग रखी थी, जहां वह जनवरी, 2016 से रह रहे थे। उन्होंने सुरक्षा संबंधी खतरे की बात रखते हुए यह मांग की थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘आवंटन पांच वर्षों के लिए किया गया था और वह अवधि समाप्त हो गई है। अदालत के सामने ऐसा कुछ नहीं रखा गया, जो जेड श्रेणी की सुरक्षा रखने वाले व्यक्ति को सरकारी आवास के आवंटन के लिए भी अनिवार्य बनाता हो।’
राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल, 2022 में समाप्त हो चुका है
उल्लेखनीय है कि सुब्रमण्यम स्वामी को जनवरी, 2016 में पांच वर्षों के लिए केंद्र द्वारा दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था। वह अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान वहीं रहे। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2022 में समाप्त हो गया था। इसके बाद नियम के अनुसार उन्हें बंगला खाली करना था। हालांकि, स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुरक्षा संबंधी खतरे को दृष्टिगत बंगला पुन: आवंटित कराने की मांग की थी
वरिष्ठ भाजपा नेता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से उन्हें लगातार सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए बंगले को पुन: आवंटित कराने मांग की थी। उल्लेखनीय है कि स्वामी को अब भी जेड कैटेगरी की सुरक्षा केंद्र की ओर से उपलब्ध कराई गई है। हालांकि, केंद्र ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी की सुरक्षा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ-साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है।