रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुभांशु शुक्ला और अन्य गगन यात्रियों को किया सम्मानित
नई दिल्ली, 24 अगस्त। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और अन्य गगन यात्रियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने शुभांशु शुक्ला से कहा कि उनके अंदर का किसान अंतरिक्ष में जाकर भी जीवित रहा और उन्होंने अंतरिक्ष में खेती कर देशवासियों को प्रेरित किया। यह अनुभव भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में बहुत मददगार साबित होगा। उल्लेखनीय है कि शुभांशु शुक्ला ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में मेथी और मूंग की खेती कर एक नई उपलब्धि हासिल की है।
Attended the felicitation function of India’s Gaganyatris, Gp Capt Shubhanshu Shukla, Gp Capt PB Nair, Gp Capt Ajit Krishnan and Gp Capt Angad Pratap in New Delhi.
⁰Our astronauts are pioneers of India’s aspirations. India proudly stands tall among the world’s leading space… pic.twitter.com/mPd90OeEfn— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 24, 2025
शुभांशु की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी
राजनाथ सिंह ने कहा कि शुभांशु की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी और दिखाएगी कि कठिन राहों पर भी यदि श्रद्धा और मेहनत हो तो आकाश भी सीमा नहीं रह जाता। शुभांशु शुक्ला केवल वायु सेना का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत और मानवता का प्रतिनिधि बने।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत अंतरिक्ष में केवल तकनीकी शक्ति या सैन्य ताकत के लिए नहीं बल्कि मानव सभ्यता की सामूहिक यात्रा और आत्मनिर्भर भारत के नए अध्याय के लिए सक्रिय है। उन्होंने चंद्रयान और मंगलयान सहित भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत इसे आने वाले भविष्य की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के दृष्टिकोण से देखता है।
Speaking at the Felicitation Function for Gaganyatris in Delhi. https://t.co/cQXDfixYku
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 24, 2025
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्री बनने की कठिन ट्रेनिंग प्रक्रिया को मात्र ढाई महीनों में पूरा कर दिखाया, जबकि आम तौर पर यह प्रक्रिया दो से ढाई वर्षों तक चलती है। उन्होंने इसे शुभांशु की लगन, समर्पण और भारतवासियों के मेहनती मन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से मिली तकनीकें, जैसे संचार उपग्रह, मौसम निगरानी और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साधन, आज भारत के गांव-गांव और खेत-खेत तक पहुंच रही हैं। उन्होंने भविष्य में अंतरिक्ष खनन और डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन के महत्व पर भी जोर दिया।
