कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शऱण सिंह के खिलाफ आरोपों को मंजूरी दी
नई दिल्ली, 21 मई। दिल्ली की एक अदालत ने देश की कुछ शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए।
बृजभूषण शरण बोले – ‘जब मैं दोषी नहीं हूं तो अपराध क्यों स्वीकार करूंगा‘
बृजभूषण शरण सिंह ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष आरोपों के प्रति खुद को दोषी नहीं ठहराया और यह कहते हुए मुकदमे का दावा किया – ‘जब मैं दोषी नहीं हूं तो अपराध क्यों स्वीकार करूंगा?’ अदालत ने मामले में सह-आरोपित और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आपराधिक धमकी का आरोप भी तय किया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से मौजूदा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण को उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था। पार्टी ने इस सीट से उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है।
पेरिस ओलम्पिक 2024 के लिए अब नहीं होगा पहलवानों का चयन ट्रायल
इस बीच, डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने घोषणा की है कि 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलम्पिक 2024 में प्रतिनिधित्व करने के लिए पहलवानों के चयन के लिए कोई ट्रायल नहीं होगा। यह खबर विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट द्वारा डब्ल्यूएफआई, केंद्र और आईओए से ट्रायल की तारीख जारी करने का अनुरोध करने के बाद आई है, जबकि निशा और ऋतिका नहीं चाहती थीं कि ट्रायल आयोजित किया जाए।
WFI अध्यक्ष संजय सिंह बोले – जिसे कोटा मिलेगा, वह पेरिस जाएगा
संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया, ‘सभी ने फैसला किया कि जिसे भी कोटा मिलेगा, वह ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। खिलाड़ियों को अब राहत महसूस होगी और वे ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। हम कोचों के परामर्श से उन्हें विदेश में सर्वोत्तम प्रशिक्षण सुविधाओं में मदद करेंगे।”
योगेश्वर दत्त ने WFI के फैसले से जताई सहमति
वहीं पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त डब्ल्यूएफआई के इस कदम से सहमत हैं और उन्हें उम्मीद है कि युवा प्रतिभागी पदक लाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। दत्त ने कहा, ‘इससे पहले डब्ल्यूएफआई के कार्यकलापों के संचालन के लिए एक तदर्थ समिति थी, जिसने एक निश्चित तरीके से ट्रायल आयोजित करने की बात की थी। कोटा जीतने के बाद खिलाड़ी भ्रमित थे। लेकिन अब, उनके पास स्पष्टता है। आशा है कि वे कड़ी मेहनत करेंगे और पदक लाएंगे। हमें उम्मीद है कम से कम दो पदकों के लिए। नए बच्चों में बहुत ऊर्जा है। कुश्ती में बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे खिलाड़ियों का मनोबल अच्छा है।’