कोरोना की मार : दूसरी लहर के दौरान देश में एक करोड़ से ज्यादा लोग हुए बेरोजगार
नई दिल्ली, 1 जून। कोविड-19 की पहली लहर से कहीं ज्यादा खतरनाक दूसरी लहर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़े कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। इन आंकड़ों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर की वजह से भारत में अब तक एक करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
सीएमआईई के मुख्य कार्यकारी महेश व्यास ने एक इंटरव्यू में बताया कि मई माह में बेरोजगारी की दर 12 फीसदी तक पहुंच सकती है, जो अप्रैल में आठ फीसदी पर थी। इस दौरान करीब एक करोड़ लोग बेरोजगार हुए, जिसका मुख्य कारण कोरोना की दूसरी लहर ही है। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार मई की राष्ट्रव्यापी बेरोजगारी दर 11.90 फीसदी रही। इनमें शहरी बेरोजगारी दर 14.73 फीसदी और ग्रामीण बेरोजगारी दर 10.63 फीसदी दर्ज की गई।
व्यास के अनुसार अब आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे खुल रही हैं तो दिक्कत थोड़ी कम होगी। लेकिन इससे हुए भारी नुकसान की भरपाई इतनी जल्दी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि जिन लोगों की नौकरी गई है, उन्हें दोबारा रोजगार काफी मुश्किल से मिल रहा है। इसकी वजह है कि इन्फॉर्मल सेक्टर तो कुछ हदतक रिकवर कर रहा है, लेकिन जो फॉर्मल सेक्टर है या अच्छी क्वालिटी की नौकरी है, उस क्षेत्र में वापसी में अभी वक्त है।
मई, 2020 में बेरोजगारी दर 23.5% तक पहुंच गई थी
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान मई, 2020 में बेरोजगारी की दर 23.5 फीसदी तक पहुंच गई थी, तब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। लेकिन इस वर्ष राज्यों ने धीरे-धीरे अपने स्तर पर पाबंदी लगाई और जो काम शुरू हो गए थे, फिर बंद हो गए। महेश ने बताया कि अगर बेरोजगारी दर 3-4 फीसदी तक रहती है तो वह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य मानी जाएगी।
कोरोनाकाल में लगभग 97 फीसदी परिवारों की आय घटी
इस बीच सीएमआईई की ओर से लगभग 17.5 लाख परिवारों में सर्वे किया गया, जिसमें परिवार की आय को लेकर जानकारी ली गई। इस सर्वे के अनुसार कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग 97 फीसदी परिवारों की आय घट गई है।