‘आदिपुरुष’ के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर के विवादित बोल – ‘हनुमान भगवान नहीं थे, लोगों ने उन्हें भगवान बनाया’
नई दिल्ली, 20 जून। प्रभास और कृति सेनन अभिनीत फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज के बाद लगातार विवादों में घिरी हुई है। फिल्म में कुछ आपत्तिजनक डायलॉग को लेकर पहले ही विवाद जारी था कि अब इसके संवाद लेखक व गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ल विवादित बयान देकर बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, टीवी चैनल ‘आज तक’ को दिए इंटरव्यू के दौरान से मनोज मुंतशिर ने कहा कि हनुमान भगवान नहीं थे और उनकी भक्ति में इतनी शक्ति थी कि लोगों ने उन्हें भगवान बना दिया। टीवी चैनल यह बात कही।
अनुराग ठाकुर बोले – किसी को भी लोगों की भावनाएं आहत करने का अधिकार नहीं
रामायण पर आधारित बहुभाषी फिल्म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ सोमवार को देश के कई शहरों में प्रदर्शन किये गए और काठमांडू में सभी हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी को भी लोगों की भावनाएं आहत करने का अधिकार नहीं है।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर प्रर्दशन
गौरतलब है कि फिल्म को लेकर विवाद बढ़ने के बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में दर्शक सड़कों पर उतर आए जबकि मुंबई पुलिस फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर के अनुरोध पर उन्हें सुरक्षा देने पर सहमत हो गई।
नेपाल में सभी हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक
गौरतलब है कि ओम राउत द्वारा निर्देशित इस फिल्म की उसके संवाद, उसके कुछ पात्रों के चित्रण के लिए आलोचना की जा रही है। नेपाल में फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवादों को लेकर उठे विवाद और फिल्म में माता सीता का उल्लेख “भारत की बेटी” के रूप में किये जाने के बाद ‘आदिपुरुष’ सहित सभी हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन पर सोमवार को रोक लगा दी गई। मुंबई में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि फिल्म के लेखक और निर्देशक देशभर में हंगामे के बाद फिल्म में कुछ बदलाव करने के लिए तैयार हो गए हैं।
विरोध के बाद फिल्म की कमाई में गिरावट
प्रोडक्शन बैनर टी-सीरीज के अनुसार, फिल्म ने वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर तीन दिनों में 340 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। हालांकि, सोमवार को फिल्म की कमाई में बड़ी गिरावट आई। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को फिल्म का विरोध हुआ है। वहीं अयोध्या में संतों ने फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि फिल्म के संवाद सुनकर खून खौल उठता है। वाराणसी में लोगों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और ओम राउत निर्देशित फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए।