कांग्रेस बोली – मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में सिर्फ दिखावा, केंद्र ने मान लिया है बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट
नई दिल्ली, 23 जुलाई। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट को सिर्फ दिखावा करार दिया है और इस बजट में सरकार ने मान लिया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है। पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, वह बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र से चुराई गई है।
कांग्रेस महासचिव नेता जयराम रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। केंद्र सरकार ने 10 वर्षों के इनकार के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
जयराम रमेश ने कहा – इंटर्नशिप योजना कांग्रेस की स्कीम
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, वह इस लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है। इसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।
बेरोज़गारी के साथ-साथ, केंद्रीय बजट अंततः एक और संकट को स्वीकार करता है। MSMEs – जिन्हें नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ने जानबूझकर पिछले दस वर्षों में कमज़ोर करने की कोशिश की है – केंद्रीय बजट में एक प्रमुख चर्चा के विषय थे। MSMEs के मैन्युफैक्चरिंग के लिए क्रेडिट…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 23, 2024
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी। इसके तहत सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’ के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।
जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है, जिसमें इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था। हालाकि, अपनी चिरपरिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।”
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख ली है। उनका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे हमने पहली नौकरी पक्की कहा था।
लेकिन, उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है।… pic.twitter.com/38DpG93ifC
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 23, 2024
‘अब देर हो चुकी है, ऐक्शन कुछ नहीं हुआ‘
रमेश ने दावा किया, ‘10 वर्षों के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।’
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी बोले – सरकार और कुर्सी बचाने वाला बजट
इस बीच टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ये देश का बजट नहीं है। सरकार और कुर्सी बचाने वाला बजट है। बंगाल और बिहार के लिए बजट है। इसमें बंगाल को कुछ नहीं दिया गया है।’
बजट उम्मीदों वाला कम और मायूस करने वाला ज्यादा : मायावती
उधर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर और धन्नासेठों के लिए है। ये अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।
1. संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा।
— Mayawati (@Mayawati) July 23, 2024
मायावती ने कहा कि देश में छाई जबर्दस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?