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कांग्रेस के नेताओं ने ममता बनर्जी की पहल का किया स्वागत, बोले – भविष्य में कांग्रेस को निभानी होगी केंद्रीय भूमिका

कांग्रेस के नेताओं ने ममता बनर्जी की पहल का किया स्वागत, बोले – भविष्य में कांग्रेस को निभानी होगी केंद्रीय भूमिका

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कोलकाता, 1 अप्रैल। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एकजुट होने के लिए सभी विपक्षी दलों को तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के निमंत्रण का स्वागत करते हुए संकेत दिया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस को केंद्रीय भूमिका निभानी होगी। उनका यह भी मानना है कि भाजपा जैसी शक्ति को हराने के लिए अन्य विपक्षी दलों और 137 साल पुरानी पार्टी के बीच छोटे-मोटे मतभेदों को भुला देना चाहिए।

आनंद शर्मा बोले – अतीत में कांग्रेस ने सभी को एक मंच पर लाने की पहल की है

पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री व राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह (विपक्षी एकता) कांग्रेस की घोषित स्थिति है। कांग्रेस अध्यक्ष और कार्यकारी समिति ने बार-बार इस पर जोर दिया है। अतीत में कांग्रेस ने सभी को एक मंच पर एकत्र करने की पहल की है। बात यह है कि जब हम राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बात करेंगे तो कांग्रेस केंद्रीय भूमिका में आएगी। विपक्षी एकता के लिए हमें पूरी गंभीरता से साथ मिलकर काम करना होगा।’

देखा जाए तो 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से पराजय झेलनी पड़ी थी, लेकिन उसका मत प्रतिशत 19.55 प्रतिशत था, जो क्षेत्रीय दलों के मुकाबले कहीं ज्यादा था। इस चुनाव में किसी भी क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय स्तर पर पांच प्रतिशत वोट भी नहीं मिले थे। वहीं कांग्रेस का मत प्रतिशत 2014 में 19.31 था,जिसमें 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वृद्धि हुई। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है जबकि झारखंड, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में वह गठबंधन सरकार में शामिल है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले समेत विपक्ष के अन्य नेता भी पहले कई बार कांग्रेस को आगे आकर विपक्षी एकता का नेतृत्व करने की जरूरत को रेखांकित कर चुके हैं।

ममता ने गत 27 मार्च को सभी विपक्षी दलों को लिखा था पत्र

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गत 27 मार्च को सभी गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को पत्र लिखकर ‘प्रगतिशील ताकतों’ के साथ आने तथा ‘दमनकारी भाजपा शासन’ के विरुद्ध लड़ने का आह्वान किया था। बनर्जी ने पिछले साल यह भी कहा था कि संप्रग क्या है? हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि संयुक्त विपक्ष में कांग्रेस की महती भूमिका है, इसलिए बनर्जी अपने पिछले रुख के विपरीत आचरण कर कांग्रेस को साधने का प्रयास कर सकती हैं।

सभी प्रगतिशील ताकतों को चरमंपंथी शक्तियों से लड़ने की जरूरत : मनीष तिवारी

इअ बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी ममता की पहल का स्वागत करते हुए कहा, ‘यह (विपक्षी एकता के लिए बनर्जी का पत्र लिखना) अच्छी पहल है। हालांकि मैंने पत्र देखा नहीं है, फिर भी मैं कहूंगा कि यह स्वागतयोग्य कदम है। सभी प्रगतिशील, राष्ट्रवादी और पंथनिरपेक्ष ताकतों को साथ आकर धार्मिक और चरमंपंथी शक्तियों से लड़ने की जरूरत है।’

बनर्जी विपक्ष का एक मजबूत स्तंभ हैं : अभिषेक मनु सिंघवी

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हर राज्य में मतविभाजन को रोकने के वास्ते विपक्ष को संयुक्त होना चाहिए। बनर्जी द्वारा अतीत में कांग्रेस की आलोचना करने के बाबत पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि जब ‘देश को बचाने’ की चुनौती हो, तब ऐसे छोटे-मोटे मतभेदों को भुला देना चाहिए। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बनर्जी विपक्ष का एक मजबूत स्तंभ हैं।

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