कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के ‘संपत्ति वितरण’ वाले बयान से किया किनारा, बोली – पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं
नई दिल्ली, 24 अप्रैल। कांग्रेस पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के उस बयान से किनारा कर लिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में लागू इनहेरिटेंस (उत्तराधिकार) टैक्स की वकालत की थी। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन पित्रोदा ने इसे एक रोचक कानून बताया था, जिसके तहत किसी शख्स के मरने के बाद उसकी संपत्ति का कुछ हिस्सा उसके रिश्तेदारों को दिया जाता है जबकि एक बड़ा हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है। फिलहाल कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी का सैम पित्रोदा के बयान से कोई लेना-देना नहीं है।
जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में दी सफाई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर किए गए एक पोस्ट में सफाई देते हुए कहा है, ‘सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनियाभर में कई लोगों के गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं। उन्होंने भारत के विकास में अनेक स्थायी योगदान दिया है। सैम पित्रोदा उन मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं, जिनके बारे में वह दृढ़ता से महसूस करते हैं। निश्चित रूप से, लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए स्वतंत्र हैं।’
Sam Pitroda has been a mentor, friend, philosopher, and guide to many across the world, including me. He has made numerous, enduring contributions to India's developments. He is President of the Indian Overseas Congress.
Mr Pitroda expresses his opinions freely on issues he…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 24, 2024
पित्रोदा ने की थी अमेरिका अमेरिका में लागू इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत
सैम पित्रोदा ने अमेरिका में लागू इनहेरिटेंस (उत्तराधिकार) टैक्स कानून का जिक्र करते हुए कहा था, ‘अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है। इसका मतलब है कि यदि किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 फीसदी सरकार ले लेगी।’
पित्रोदा ने कहा, ‘ये काफ़ी दिलचस्प कानून है। ये कहता है कि आप अपने दौर में संपत्ति जुटाओ और अब जब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी धन-संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, पूरी नहीं, लेकिन उसकी आधी, जो मेरी नजर में अच्छा है। भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते। यदि किसी की संपत्ति 10 अरब रुपये है और वह इस दुनिया में न रहे तो उनके बच्चे ही 10 अरब रुपये रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता… तो ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिस पर लोगों को बहस और चर्चा करनी चाहिए। मैं नहीं जानता कि इसका नतीजा क्या निकलेगा, लेकिन जब हम संपत्ति के पुनर्वितरण की बात करते हैं तो हम नई नीतियों और नए तरह के प्रोग्राम की बात करते हैं, जो जनता के हित में है न कि केवल अमीर लोगों के।’
भाजपा ने साधा था निशाना
सैम पित्रोदा के इस बयान को भाजपा ने आड़े हाथ लिया था और कहा था कि कांग्रेस देश को बर्बाद करने का फैसला कर लिया है। सैम पित्रोदा जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, अब 50 फीसदी टैक्स की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में ये साफ है कि अगर कांग्रेस राज आता है तो लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से जो संपत्ति अर्जित की है, वो उसका पचास फीसदी हिस्सा उनसे छीन लेंगे। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य भाजपा नेताओं ने पित्रोदा के इस बयान को लेकर कांग्रेस के जमकर लानत-मलानत की थी।
राहुल गांधी भी देश में संस्थागत और आर्थिक सर्वे कराने की बात कह चुके हैं
दिलचस्प यह है कि राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों देश में संस्थागत और आर्थिक सर्वे कराने और संपत्ति के पुनर्वितरण की बात कही थी। राहुल ने हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हमारी सरकार बनेगी तो हम संस्थागत और आर्थिक सर्वे कराएंगे। हम यह पता लगाएंगे कि देश में किसके पास कितनी दौलत है और उसका फिर नए सिरे से वितरण होगा।’
राहुल के इस बयान को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने तीखा हमला बोला था और कहा था कि कांग्रेस देश के लोगों की संपत्ति लूटना चाहती है। पीएम मोदी ने राजस्थान की एक रैली में कहा था, ‘कांग्रेस आपकी दौलत उन लोगों को देना चाहती है, जिनके ज्यादा बच्चे हैं। वे चाहते हैं कि हमारी माताएं-बहनें अपने जेवर तक का हिसाब दें।’