पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस का हमला, खरगे बोले – ‘नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली!’
नई दिल्ली, 21 सितम्बर। देशभर में सोमवार से लागू होने जा रहे जीएसटी दरों में आमूलचूल सुधारों को लेकर रविवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर कांग्रेस ने हमला किया है। पार्टी का कहना है कि पीएम मोदी ने जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का पूरा श्रेय खुद को देने की कोशिश की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यहां तक कह दिया – ‘नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली!’ वहीं पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसे पीएम मोदी द्वारा सिर्फ चेहरा चमकाने की कोशिश बताया। कांग्रेस ने इसके साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान जीएसटी सुधार अपर्याप्त हैं।
गौरतलब है कि जीएसटी दरों में कटौती लागू होने की पूर्व संध्या पीएम मोदी ने कहा कि नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। सोमवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के पहले दिन लागू होने वाली नई जीएसटी दरों को हर भारतीय नागरिक के लिए ‘जीएसटी बचत उत्सव’ करार देते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वदेश अपनाने व विदेशी चीजों से मुक्ति पान का एक बार फिर आह्वान किया।
‘गब्बर सिंह टैक्स’ से 8 वर्षों में 55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले
मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर पीएम मोदी पर तीखा तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा “नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली! नरेंद्र मोदी जी, आपकी सरकार ने कांग्रेस के सरल और कुशल GST के बजाय, अलग-अलग नौ स्लैब से वसूली कर ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लगाया और आठ वर्षों में 55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले। अब आप 2.5 लाख करोड़ रुपये के ‘बचत उत्सव’ की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंड ऐड लगाने की बात कर रहे हैं! जनता कभी नहीं भूलेगी कि आपने उनके दाल-चावल-अनाज, पेंसिल, किताबें, इलाज, किसानों के ट्रैक्टर — सबसे GST वसूला था। आपकी सरकार को तो जनता से माफी मांगनी चाहिए!”
नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली !
.@narendramodi जी,
आपकी सरकार ने कांग्रेस के सरल और कुशल GST के बजाय, अलग-अलग 9 स्लैब से वसूली कर “गब्बर सिंह टैक्स” लगाया और 8 साल में ₹55 लाख करोड़ से ज़्यादा वसूले।
अब आप ₹2.5 लाख करोड़ के “बचत उत्सव” की बात कर के जनता को गहरे घाव… pic.twitter.com/t7Z64wL67S
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 21, 2025
‘जबर्दस्ती ले रहे श्रेय, सिर्फ चेहरा चमकाने की कोशिश’
फिलहाल सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा, ‘कल से कम जीएसटी रेट लागू होने हैं, सारे अनाउंसमेंट आ चुके हैं। मोदी जी ने तो निर्णय के पहले ही लाल किले से घोषणा कर ही दी थी। लेकिन आज मोदी जी को लगा, अरे बिना मेरा चेहरा चमके यह कैसे हो सकता है, तो जबर्दस्ती का भाषण देने आ गए।’
‘पीएम ने ऐसे बात की, जैसे 2017 में किसी और ने लागू की थी जीएसटी’
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे लिखा, ‘प्रधानमंत्री ने बात तो ऐसे की, जैसे 2017 में इन्होंने नहीं, किसी और ने जीएसटी लागू की थी। आज तो आपको हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए थी। प्रभु, आप ही ने आठ वर्ष से जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बना कर लोगों को बेतहाशा लूटा है।’
मोदी जी का राष्ट्र के नाम संबोधन
▪️कल से कम GST रेट लागू होने हैं, सारे अनाउंसमेंट आ चुके हैं. मोदी जी ने तो निर्णय के पहले ही लाल क़िले से घोषणा कर ही दी थी
▪️लेकिन आज मोदी जी को लगा अरे बिना मेरा चेहरा चमके यह कैसे हो सकता है – तो ज़बरदस्ती का भाषण देने आ गए
▪️बात तो ऐसे की…
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 21, 2025
‘इन्हीं त्योहारों में पिछले 8 वर्षों से इतनी कड़वाहट क्यों भरी?’
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे लिखा, ‘आपका कहना है इस बार त्योहार के मौसम में मुंह मीठा होगा। तो इन्हीं त्योहारों में पिछले आठ वर्षों से इतनी कड़वाहट क्यों भरी? आप चाहें तो आज भी एक झटके में पेट्रोल और डीजल के दाम घटा सकते हैं – क्यों नहीं घटा रहे हैं? और एक बात जो किसी को भूलनी नहीं चाहिए – गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए इन्हीं नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का प्रबल विरोध किया था।’
मोदी जी तो पुराने वाले GST को ऐसे कोस रहे हैं जैसे किसी और ने लागू किया था
आप ही ने गब्बर सिंह टैक्स लागू करके 8 साल वसूली की, भूल गए?
और मोदी जी ने कहा कभी कभी जाने अनजाने विदेशी चीज़ें जीवन से जुड़ जाती हैं – उनके हवाई जहाज़, गाड़ी, घड़ी, जूते, पेन, चश्मा सब याद दिला दिया👇 pic.twitter.com/dpTs313XKz
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 21, 2025
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी पर प्रहार करते हुए एक्स पर लिखा, ‘आज प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक संवैधानिक निकाय, जीएसटी काउंसिल द्वारा किए गए संशोधनों का पूरा श्रेय खुद लेने की कोशिश की। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से यह तर्क देती आई है कि जीएसटी वास्तव में ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स है। इसमें कई समस्याएं हैं – उच्च संख्या में टैक्स स्लैब, आम उपभोग की वस्तुओं पर दंडात्मक कर दरें, बड़े पैमाने पर चोरी और गलत वर्गीकरण, महंगी औपचारिकताओं का बोझ और एक उल्टा शुल्क ढांचा (जहां आउटपुट पर इनपुट की तुलना में कम टैक्स लगता है)।’
