कांग्रेस का आरोप – चुनाव आयोग को पीएम के हाथों की कठपुतली बनाने का प्रयास कर रही सरकार
नई दिल्ली, 10 अगस्त। कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के विनियमन के लिए सरकार द्वारा लाए जाने वाले विधेयक को ‘असंवैधानिक, मनमाना और अनुचित’ करार देते हुए गुरुवार को कहा कि वह इसका हर मंच पर विरोध करेगी। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि यह कदम निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों की कठपुतली बनाने का प्रयास है।
वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ (पूर्व का ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘यह चुनाव आयोग को पूरी तरह से प्रधानमंत्री के हाथों की कठपुतली बनाने का खुला प्रयास है। उच्चतम न्यायालय के मौजूदा फैसले का क्या, जिसमें एक निष्पक्ष आयोग की आवश्यकता की बात की गई है? प्रधानमंत्री को पक्षपाती चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है?’’
Blatant attempt at making the Election Commission a total puppet in the hands of the PM.
What about the Supreme Court’s existing ruling which requires an impartial panel?
Why does the PM feel the need to appoint a biased Election Commissioner?
This is an unconstitutional,… https://t.co/injuEBXdQx
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) August 10, 2023
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक असंवैधानिक, मनमाना और अनुचित विधेयक है। हम हर मंच पर इसका विरोध करेंगे।’’ सरकार मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के विनियमन के लिए बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश करेगी। राज्यसभा की गुुरवा की संशोधित कार्यसूची के अनुसार विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ‘ मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023’ पुर:स्थापित करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने मार्च में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिसका मकसद मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से बचाना है। न्यायालय ने फैसला दिया था कि उनकी नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश की सदस्यता वाली एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएंगी।