1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप – लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू करना ध्रुवीकरण का प्रयास
कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप – लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू करना ध्रुवीकरण का प्रयास

कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप – लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू करना ध्रुवीकरण का प्रयास

0
Social Share

नई दिल्ली, 11 मार्च। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद सोमवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने लोकसभा चुनाव से पहले देश और खासकर पश्चिम बंगाल एवं असम में ध्रुवीकरण का प्रयास किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि चुनावी बॉण्ड पर उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद सरकार ने ‘हेडलाइन मैनेज करने’ की कोशिश भी की है।

उल्लेखनीय है कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को सोमवार को अधिसूचित कर दिया गया। इस कानून के लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एक बार सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार 31 दिसम्बर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

‘प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक

जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘दिसम्बर, 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल पेशेवर और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है।’

चुनावी बॉण्ड पर SC की फटकार के बाद हेडलाइन को मैनेज करनेका प्रयास  

उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए के नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार समयसीमा बढ़ाने की मांग के बाद इसकी घोषणा करने के लिए जान बूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। रमेश ने दावा किया, “ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव में ध्रुवीकरण करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह चुनावी बॉण्ड घोटाले पर उच्चतम न्यायालय की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद ‘हेडलाइन को मैनेज करने’ का प्रयास भी प्रतीत होता है।”

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code