पुणे जमीन सौदे में फंसी पार्थ पवार से जुड़ी कम्पनी, अमादेया इंटरप्राइजेज को भेजी गई 21 करोड़ की नोटिस
मुंबई, 8 नवम्बर। महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी बवंडर मचा देने वाले पुणे जमीन सौदे में उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी कम्पनी अमादेया इंटरप्राइजेज फंसती जा रही है। इस क्रम में हावेली IV के उप-पंजीयक (क्लास II) एपी फुलवारे ने अमादेया एंटरप्राइजेज LLP को स्टाम्प ड्यूटी भरने की 21 करोड़ रुपये की नोटिस भेज दी है।
उप-पंजीयक की नोटिस में स्टांप ड्यूटी और लागू जुर्माना भरने का आदेश
उप-पंजीयक की ओर से प्रेषित नोटिस में फर्म के पार्टनर दिग्विजय पाटिल से कहा गया है कि वह 21 करोड़ रुपये की पूरी स्टांप ड्यूटी और लागू जुर्माना भरें। इसके बाद ही कम्पनी अपनी कैंसिलेशन डीड दोबारा जमा कर सकेगी। कम्पनी में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी पार्टनर हैं।
कम्पनी ने यह कैंसिलेशन डीड इसलिए दी थी क्योंकि वह जिस डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के लिए यह जमीन खरीद रही थी, वह प्रोजेक्ट अब रद कर दिया गया है। इसलिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट भी रद हो गई है और अब कम्पनी को यह राशि भरनी होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 मई, 2025 को 40 एकड़ जमीन बिक्री का समझौता शीतल तेजवाणी (जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी धारक) और दिग्विजय पाटिल के बीच हुआ था। इस डील की कीमत 300 करोड़ रुपये थी और इसे हावेली IV सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज किया गया था।
कम्पनी ने उस समय सरकार की एक फरवरी, 2024 की अधिसूचना के तहत स्टांप ड्यूटी में छूट ली थी, जो डेटा सेंटर और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को राहत देती है। लेकिन अब जब कम्पनी ने खुद ही वह प्रोजेक्ट रद कर दिया है तो वह छूट लागू नहीं रह जाती।
राज्य के पंजीकरण विभाग (IGR) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जब वह उद्देश्य ही रद हो जाता है, जिसके लिए छूट दी गई थी तो पूरी ड्यूटी और पेनाल्टी देनी होती है। सरकारी पत्र में कहा गया है कि कम्पनी को 7% स्टांप ड्यूटी दोनी होगी, जिसमें 5% मूल ड्यूटी, 1% लोकल इंस्टिट्यूशन टैक्स और 1% मेट्रो टैक्स शामिल है। यह राशि 300 करोड़ रुपये पर करीब 21 करोड़ रुपये होती है।
सीएम फडणवीस ने IAS विकास खरगे को सौंपी मामले की जांच
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हाई प्रोफाइल लैंड डील की जांच आईएएस विकास खरगे को सौंपी है। मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विकास खरगे 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें इस घोटाले की जांच के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
शरद पवार बोले – जनता के सामने सही तस्वीर रखी जानी चाहिए
दरअसल, पार्थ की अगुआई वाली कम्पनी पर आरोप है कि उसने सरकारी महार वतन की 1800 करोड़ रुपये कीमत की जमीन 300 में खरीदी। इस डील पर सियासी बयानबाजी के बीच शरद पवार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जनता के सामने सही तस्वीर रखी जानी चाहिए।
मेरे बेटे को नहीं पता था कि जमीन सरकारी है – अजित पवार
वहीं इस मामले के खुलासे के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार बैकफुट पर हैं। उन्होंने कहा कि सच सामने आएगा। सीएम ने पहले जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे को नहीं पता था कि यह जमीन सरकारी है।
