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सीएम योगी ने विपक्ष पर कसा तंज – ‘जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं…’

सीएम योगी ने विपक्ष पर कसा तंज – ‘जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं…’

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लखनऊ, 1 दिसम्बर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता विरोधी दल अखिलेश यादव पर शायराना अंदाज में हमला बोला और कहा, ‘बड़ा हसीन है उनकी जुबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं…।’

नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘मुझे अफसोस हो रहा था कि नेता विरोधी दल लीक से हटकर आजकल बोलने के आदी हो चुके हैं। ये बीमारी केवल यहीं पर नहीं आई है, जो बीमारी बिहार में देखने को मिल रही है, वही यहां देखने को मिल रही है। यूपी विधानमंडल में पिछले 6-7 वर्षों में चर्चा परिचर्चा का माहौल बना है। वर्ष 2022 के बाद सकारात्मक पहल हुई है। इसमें विरोधी पक्ष के लोग खूब तैयारी करके आना चाहते हैं। ईश्वर करे ये हमेशा विपक्ष में बैठे रहें।’

सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रदेश में 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। कई बार संसद में भी रहे हैं। ऐसे में उन्हें सप्लीमेंट्री डिमांड के बारे में थोड़ी और जानकारी कर लेनी चाहिए थी। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और पहचान के संकट वाला प्रदेश बन चुका था। वहीं, वर्ष 2017 के बाद वाला यूपी डबल इंजन की ताकत से आगे बढ़ रहा है।

आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है

नेता सदन ने कहा कि आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है। उन्हें सम्मान की दृष्टि से लोग देखते हैं। ये नये भारत का नया यूपी है। दुनिया में जिस तरह भारत के लिए दृष्टिकोण बदला है, वैसे ही देश में यूपी को लेकर लोगों की धारणा बदली है। ये बदला परसेप्शन ही यूपी की सबसे बड़ी पहचान है। सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को लेकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इससे विरोधी दल के सदस्यों को प्रसन्नता होनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश आगे बढ़ेगा तो हर व्यक्ति को उसका लाभ मिलेगा।

आज रेवेन्यू सरप्लस के लिए जाना जा रहा है यूपी

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी लगभग 13 लाख करोड़ थी। वहीं, वर्ष 2023-24 में लगभग साढ़े 24 लाख करोड़ की ओर पहुंच रही है। ऐसे में हम लगभग दोगुने की ओर बढ़ चुके हैं। उत्तर प्रदेश की वर्ष 2015-16 में पर कैपिटा इनकम 43 हजार के आसपास थी, वह वर्ष 2022-23 में बढ़कर दोगुने से अधिक लगभग 83 हजार हो चुकी है। वर्ष 2023-24 के आंकड़े आएंगे तो इसमें और भी वृद्धि होगी। ऐसे में बजट का आकार भी बढ़ा है। देश की 16 फीसदी यानी 25 करोड़ की आबादी यूपी में निवास करती है। यूपी में 2012 और 17 के बीच औसत बजट 2 लाख 70 हजार करोड़ के आसपास था। योगी ने कहा कि यूपी आज रेवेन्यू सरप्लस के लिए जाना जा रहा है।

​इस बजट से सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रही सरकार

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2022-23 का औसत बजट 5 लाख 23 हजार करोड़ हुआ है। हमारा मूल बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ है जबकि 28 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट के साथ यह 7 लाख 19 हजार करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिसे सरकार लेकर आई है। सरकार इस बजट के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रही है।

नेता सदन ने कहा कि जब सरकार अपना बजट लाती है तो इस बात का ध्यान रखती है कि सोर्स ऑफ इनकम है या नहीं। आय और व्यय के संतुलन को ध्यान में रखना होता है। प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ रहा है। यूपी जैसा राज्य रेवेन्यू सरप्लस के रूप में जाना जा रहा है।

राज्य का कर राजस्व डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचा

नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 2016-17 में राज्य का कर राजस्व 86 हजार करोड़ था। ये 2021-22 में बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचाने में सफल हुआ है। प्रदेश में स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए 2016-17 में प्राप्त हुए थे, आज यही बढ़कर 23-24 में 34 हजार करोड़ रुपए हो गया है। वहीं, वैट एवं टैक्स के आधार पर वर्ष 2016-17 में सेल टैक्स 49 हजार करोड़ था, आज डेढ़ लाख करोड़ पर पहुंच रहा है। स्टेट एक्साइज में वर्ष 2016-17 में कुल 14 हजार करोड़ प्राप्त हुए थे, जो आज 58 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच रहा है। पहले परिवहन में 5 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था वहीं अब 12 हजार करोड़ की राशि से अधिक प्राप्त हो चुका है।

​प्रदेश में डकैती, लूट, हत्या, बलवा और फिरौती के मामलों में लगातार आ रही कमी

सीएम योगी ने कानून व्यवस्था पर नेता प्रतिपक्ष को घेरते हुए कहा कि वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में प्रदेश की कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है, जिसे हर व्यक्ति जानता है। एनसीआरबी के डेटा की बात करें तो वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत, हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, फिरौती में 43.18 प्रतिशत और दुष्कर्म के मामलों में 21.75 प्रतिशत की कमी आई है जबकि 2017 से पहले यूपी में क्या मंजर था, सभी जानते हैं। अपराधियों, माफियाओं और दंगाइयों को शासन का संरक्षण प्राप्त था। प्रदेश में चारों ओर अराजकता की स्थिति थी।

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