कुछ लोग सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे : सीएम योगी
वाराणसी, 18 जुलाई। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे व अंतिम दिन शुक्रवार को राजघाट स्थित वसंत महिला महाविद्यालय में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज करार देते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की। इसकेसात साथ ही उन्होंने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसे रोकने की आवश्यकता है।

जनजातीय समाज हर कालखंड में निभाई अहम भूमिका
सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है। जब भगवान राम वनवास में थे और माता सीता का अपहरण हुआ, तब उनके पास अयोध्या या जनकपुर की सेना नहीं थी। उस समय जनजातीय समाज ने उनके साथ मिलकर रावण के खिलाफ युद्ध लड़ा। इसी तरह, महाराणा प्रताप ने अरावली के जंगलों में भटकते हुए जनजातीय समाज के सहयोग से अपनी सेना का पुनर्गठन किया और अकबर से युद्ध किया. छत्रपति शिवाजी ने भी वनवासी समाज के सहयोग से हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की।
बिरसा मुंडा ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का संदेश दिया
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जनजातीय समाज ने हमेशा भारत की विरासत और धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने अक्सर देश की वर्तमान स्वतंत्रता को ही राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में देखा, लेकिन जनजातीय समाज ने हर युग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया। बिरसा मुंडा ने अल्पायु में धरती माता और गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का संदेश दिया, जो आज भी प्रेरणा देता है।’
जनपद वाराणसी में ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन कार्यक्रम में… https://t.co/1H75b2geTx
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
भगवा गमछा पहनकर लगाई थी आग
सीएम योगी ने कहा, ‘दो-तीन साल पहले एक आगजनी की घटना हुई थी, तब मैंने कहा था कि यह आगजनी किसी विशेष समुदाय ने नहीं की होगी। जांच में पता चला कि आगजनी करने वाला व्यक्ति भगवा गमछा पहने था, लेकिन उसके मुंह से ‘या अल्लाह’ निकला. ऐसे लोगों को चिह्नित कर समाज से बाहर करना होगा, तभी राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जा सकता है। जो लोग समाज को तोड़ने का काम करते हैं, वे वही हैं जो फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देते हैं। यह वही वर्ग है, जिसने आदिवासियों को भड़काने और भारत के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया। इनके खिलाफ सख्त काररवाई जरूरी है।’
‘मुहर्रम का हर जुलूस उत्पात, आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था’
उन्होंने कहा, ‘मुहर्रम का हर जुलूस उत्पात, आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था। दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा चल रही है, जो एकता का अद्भुत संगम है। कांवड़ यात्रा में न जाति का भेद है, न मत का, न सम्प्रदाय का। आज कांवड़ यात्रा भक्तिभाव से चल रही है, लेकिन कुछ लोग इसे उपद्रवियों का नाम दे देते हैं। यह वही वर्ग है, जो आदिवासियों को भड़काता है। हमें इनसे सतर्क रहना होगा।’
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एकता का अद्भुत संगम है कांवड़ यात्रा
सीएम ने कहा, ‘जौनपुर में जबर्दस्ती नियमों को ताक पर रखकर ऊंचा ताजिया बनाया गया, जो हाईटेंशन तार की चपेट में आया और तीन लोग मारे गए, फिर रास्ता जाम किया गया। इस पर पुलिस ने कहा कि क्या करें, इस पर मैंने कहा कि लाठी मारकर इन्हें बाहर करो क्योंकि ‘ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं।’
‘हमारी सरकार ने जनजातीय गांवों को मुख्य धारा से जोड़ा’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछली सरकारों की कमी रही है कि वे जनजातीय समाज तक शासन की सुविधाएं और संवाद नहीं पहुंचा सकीं। जहां संवाद बाधित होगा, वहां संघर्ष की स्थिति पैदा होगी। हमारी सरकार ने 2017 के बाद जनजातीय गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। 1947 से 2017 तक इन गांवों में मतदान का अधिकार तक नहीं था। हमने राशन कार्ड, जमीन के पट्टे और पेंशन जैसी सुविधाएं दीं। सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर और नेपाल की तराई में जनजातीय समाज को योजनाओं से जोड़ा गया।
जनजातीय समुदाय भारत का 'आदि समुदाय' है, भारत की परंपरा में रचा-बसा हुआ समुदाय है, जिसने सनातन परंपरा को सदैव एक नई मजबूती प्रदान की है।
आज जनपद वाराणसी के वसंत महिला महाविद्यालय में 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन कार्यक्रम में… pic.twitter.com/I4m1rj4Zjz
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‘जो मानेगा, वह भी हिन्दू और जो नहीं मानेगा वह भी’
उन्होंने कहा, ‘जनजातीय समाज वेदों की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारता है। हम पेड़ों और नदियों की पूजा करते हैं, लेकिन उन्हें काटने या उन पर कब्जा करने में संकोच नहीं करते। लेकिन जनजातीय समाज ने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर वेदों की शिक्षाओं को जिया है। भारत की परंपरा में यह कभी नहीं कहा गया कि मंदिर जाने वाला या ग्रंथ मानने वाला ही हिन्दू है। जो मानेगा, वह भी हिन्दू है और जो नहीं मानेगा, वह भी हिन्दू है। चार्वाक और भगवान बुद्ध ने वेदों को नहीं माना, फिर भी हमारे लिए पूज्य हैं। जनजातीय समाज के साथ यह प्रश्न क्यों खड़ा किया जाता है?’
जनजातीय समाज के मन में विश्वास
सीएम योगी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के मन में विश्वास पैदा किया है। यह हमारा मूल समाज है। उनके साथ संवाद और कृतज्ञता व्यक्त करना जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य है। सरकार ने कोल जनजाति जैसे समुदायों को योजनाओं से शत प्रतिशत जोड़ने का काम किया है। हमने भगवान राम की विरासत से जुड़े कोल जनजाति को संतृप्त करने का प्रयास किया। यह हमारा दायित्व है कि हम उनके बीच जाएं और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करें।’
