सीएम योगी ने स्वास्थ्यकर्मियों को बांटे नियुक्ति पत्र, कहा – पहले यहां के रहने वाले छुपाते थे पहचान, अब मिला है सम्मान
लखनऊ, 5 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ स्थित लोकभावन में मिशन रोजगार के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में 2468 स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। ये नियुक्ति पत्र स्वास्थ्य सेवा में चयनित आचार्य, स्टाफ नर्स और आयुष चिकित्सकों को दिए गए। इसके अलावा सीएम योगी ने 674 एम्बुलेंस और 81 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त एम्बुलेंस को भी हरी झंडी दिखाई।
674 एम्बुलेंस और 81 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त एम्बुलेंस को भी हरी झंडी
सीएम योगी ने इस मौके पर सभी को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के रहने वाले जब कहीं बाहर जाते थे तो अपनी पहचान छुपाते थे। लेकिन अब बाहर जाने वाले गर्व से कहते हैं कि हम यूपी से हैं और उन्हें सम्मान भी मिल रहा है। सीएम योगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद ख़राब थी। यहां बीमारियां और अव्यवस्थाओं से मरीज अस्पतालों में आने के बजाय प्राइवेट इलाज करने को मजबूर थे।
सीएम ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के बाद आयुष मंत्रालय बनाकर देश में स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन किया है। सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में हमने 17 के करीब मेडिकल कॉलेज बनाये हैं और 14 से ज्यादा का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि तकरीबन 72 जनपदों में डायलिसिस की सुविधा मौजूद है।
इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के माध्यम से गरीबों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराइ जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अटल बिहारी वाजपई मेडिअकाल यूनिवर्सिटी का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से 12 सौ से ज्यादा मौतें एक महीने में होती थीं,लेकिन हमारी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम कर इसे नियंत्रण में कर लिया है।
सीएम योगी ने सभी आयुष प्रोफेसरों से शोध को महत्व देने, ओपीडी में नियमित रूप से मरीजों को देखने और उनका सही इलाज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पैरामेडिक्स स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं और इनसे ही मरीजों की जान बचने में हमे सहायता मिलती है।