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सीएम शिंदे ने कहा – ‘इस फैसले से तानाशाही और वंशवाद टूट गया’, उद्धव ठाकरे ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया

सीएम शिंदे ने कहा – ‘इस फैसले से तानाशाही और वंशवाद टूट गया’, उद्धव ठाकरे ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया

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मुंबई, 10 जनवरी। महाराष्ट्र शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मसले पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद उद्धव गुट के कार्यकर्ता जहां विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं वहीं सीएम एकनाथ शिंदे के शिवसैनिक जश्न मना रहे हैं। खुद शिंदे ने इस फैसले का स्वागत किया है जकि उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार देने के साथ इसे सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान बताया है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर शाम को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने से इनकार कर दिया। नार्वेकर ने 1200 पृष्ठों के फैसले के मुख्य बिन्दुओं को सुनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 55 में से 37 विधायक हैं। उनके नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है। चुनाव आयोग ने भी यही फैसला दिया था।

हम हिन्दुत्व विचारधारा के सच्चे उत्तराधिकारी – सीएम शिंदे

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद सीएम शिंदे ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं प्रदेश के सभी शिवसैनिकों को हृदय से बधाई देता हूं। आज एक बार फिर लोकतंत्र की जीत हुई है। राज्य के लाखों मतदाताओं ने 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट दिया था और आज उनकी जीत हुई है। ये उस शिवसैनिक की जीत है, जो हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे के विचारों का झंडा लेकर निकले थे। यह एक बार फिर साबित हो गया है कि हम बालासाहेब और धर्मवीर आनंद दिघे की हिन्दुत्व विचारधारा के सच्चे उत्तराधिकारी हैं। आज की जीत सत्य की जीत है। सत्यमेव जयते।’

टूट गया तानाशाही और वंशवाद

शिंदे ने आगे कहा, “आज का फैसला किसी पार्टी की जीत नहीं बल्कि भारतीय संविधान और लोकतंत्र की जीत है। लोकतंत्र में बहुमत हमेशा महत्वपूर्ण होता है। मूल पार्टी शिवसेना को चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक तौर पर हमें सौंप दिया गया है और चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ भी हमें सौंप दिया गया था।”

‘यह निर्णय बताता है कि कोई पार्टी प्राइवेट लिमिटेड संपत्ति नहीं

सीएम शिंदे ने कहा, ‘चुनावी गठबंधन के अलावा दूसरों के साथ मिलकर सरकार बनाने की प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए घातक थी। आज के नतीजे के बाद इस तरह की प्रथा बंद हो जाएगी। आज के नतीजे से तानाशाही और वंशवाद टूट गया है। कोई भी पार्टी को अपनी जागीर समझकर अपने मन मुताबिक फैसला नहीं ले सकता। यह निर्णय बताता है कि कोई पार्टी प्राइवेट लिमिटेड संपत्ति नहीं है। इस फैसले ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि लोकतंत्र में राजनीतिक दलों को भी लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाना चाहिए, यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष भी मनमानी नहीं कर सकते।’

उद्धव बोले – ‘हम ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आज जो स्पीकर का आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत फैसला लिया है। हम ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। हम जनता के बीच रहे हैं, जनता के बीच रहेंगे और जनता को साथ लेकर हम लड़ेंगे।’

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