सीएम उमर अब्दुल्ला की विदेश मंत्रालय से अपील – ईरान में फंसे 1300 कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित क
जम्मू, 14 जून। ईरान और इजराइल के बीच लगातार बढ़ते युद्ध जैसे हालात के चलते भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि जम्मू-कश्मीर के लगभग 1300 छात्र ईरान में फंस गए हैं और इन छात्रों के परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है। ईरान में फंसे छात्रों के परिजन लगातार केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि उन्हें वहां से निकाला जाए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी इसके प्रति गुहार लगा रहे हैं।
हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाए – उमर अब्दुल्ला
इसी क्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय से अपील की कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने एक्स पर विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा, ‘अनुरोध है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को तत्काल सुनिश्चित किया जाए। उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए।’
Requesting @MEAIndia to urgently ensure the safety and well-being of Kashmiri students currently stuck in Iran. Their families are deeply worried, and we stand with them in this difficult time. Every step must be taken to safeguard our students.@DrSJaishankar
— Office of Chief Minister, J&K (@CM_JnK) June 13, 2025
कश्मीर छात्रसंघ की भी केंद्र सरकार से छात्रों को भारत लाने की अपील
कश्मीर छात्रसंघ (जेकेएसए) ने भी केंद्र सरकार से अपील की है कि ईरान में फंसे छात्रों को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। ये छात्र पेशेवर शिक्षा, विशेष रूप से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए थे। छात्रसंघ के अनुसार कई कॉलेज सैन्य ठिकानों के नजदीक हैं, जहां हमलों का खतरा ज्यादा है। गुरुवार रात से हमलों और सायरनों की आवाजें छात्रों को सोने नहीं दे रही हैं। छात्रों ने कहा कि वे पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे हैं और परिवार वाले भारत में लगातार खबरों से बेचैन हैं।

भारत सरकार को तुरंत काररवाई करनी चाहिए – डॉ. फारूक अब्दुल्ला
वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत सरकार को तुरंत काररवाई करनी चाहिए। पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में डॉ. फारूक ने इजराइल और ईरान से संयम बरतने और तनाव को बातचीत के जरिए हल करने की अपील की। उन्होंने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि ईरान में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। उनके परिजन बेहद चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।
अधिकारियों ने कहा कि एसोसिएशन को सूचित किया गया था कि कई छात्र ऐसे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं, जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और रणनीतिक स्थलों के बेहद करीब स्थित हैं। वे लगातार हवाई हमलों, वायु रक्षा सायरन और उनके आसपास बढ़ती सैन्य गतिविधियों की आवाजें सुन रहे हैं। कल रात से, स्थिति तेजी से बिगड़ गई है। कुछ छात्र ऐसे शहरों में भी हैं, जहां सीधे इजराइली हवाई हमलों की सूचना मिली है। छात्र डरे हुए हैं और पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहे है।
छात्रसंघ का कहना था, ‘तत्काल जोखिम और बढ़ते मनोवैज्ञानिक नुकसान को देखते हुए, हम आपके सम्मानित कार्यालय से इन छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्काल उपाय शुरू करने का आग्रह करते हैं। हम विदेश मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह ईरान में भारतीय छात्रों और तेहरान में भारतीय दूतावास के बीच समर्पित और उत्तरदायी संचार लाइनें स्थापित करे, और सत्यापित जानकारी, आपातकालीन दिशा-निर्देश और अपडेट प्रसारित करें।’
