महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान की, एनसीपी बिफरी
मुंबई, 15 जुलाई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके नायब देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल का विस्तार भले ही राष्ट्रपति चुनाव तक टला बताया जा रहा है, लेकिन दो मंत्रियों वाली नई सरकार तमाम विकास योजनाओं पर त्वरित अंदाज में फैसले ले रही है। इसी कड़ी में राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में जिस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, उसे फिर से पटरी पर लाने का फैसला किया गया है और सीएम शिंदे ने शुक्रवार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान कर दी।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की राह में सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण
दरअसल, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की राह में सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह मुद्दा भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। रेल मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने परियोजना के लिए जरूरी भूमि दिसंबर तक उपलब्ध कराने का वादा किया है।
अब तक 72 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण, उसमें मात्र 39 फीसदी भूमि पर कब्जा मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 431 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। लेकिन अब तक सिर्फ 72 प्रतिशत भूमि ही अधिग्रहित की जा सकी है। इसमें भी केवल 39 प्रतिशत भूमि पर ही परियोजना पर काम रही एजेंसी को कब्जा मिला है। इस परियोजना से जुड़ी शर्तों के अनुसार जब तक 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण नहीं हो जाता, तब तक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड कोई भी टेंडर नहीं निकाल सकती।
अब महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़ी सभी जरूरी मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से आगे बढ़ेगा।
एनसीपी का आरोप – गुजरात सरकार के सामने झुक गए हैं सीएम शिंदे
हालांकि बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी देने के बाद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नई सरकार पर हमलावर है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा है कि राज्य की अवैध एकनाथ शिंदे सरकार ने तेजी से बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी दी है। एनसीपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे गुजरात सरकार के सामने झुक गए हैं। उन्हें गुजरात सरकार के सामने झुकने की बजाय राज्य से संबंधित जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।