ओआरओपी मामले में सीलबंद लिफाफा देखकर केंद्र सरकार पर भड़के सीजेआई चंद्रचूड़
नई दिल्ली, 20 मार्च। वन रैंक वन पेंशन (OROP) मसले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने जानकारी सील बंद लिफाफे दिए जाने पर एटॉर्नी जनरल को कड़े शब्दों में हिदायत दी और इस तरह के लिफाफों को न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया।
सेना के 21 लाख पेंशन भोगियों को 28 फरवरी, 2024 तक देना है OROP एरियर
दिलचस्प यह है कि हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेना के 21 लाख पेंशन भोगियों को OROP एरियर देने के लिए समय दिया है। नए आदेश के अनुसार, बकाया भुगतान 28 फरवरी 2024 तक किया जाना है।
जस्टिस चंद्रचूड़ बोले – ‘हम कोई भी गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे‘
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अदालतों में सीलबंद लिफाफों के इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘हम कोई भी गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे और मैं व्यक्तिगत रूप से इसके खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को लेकर हैं। यहां क्या गोपनीयता होनी चाहिए?’
सीलबंद लिफाफों का इस्तेमाल बंद करना चाहती है शीर्ष अदालत
उन्होंने साफ कर दिया है कि वह सीलबंद लिफाफों के इस्तेमाल को बंद करना चाहते हैं। उन्होंने एटॉर्नी जनरल से कहा, ‘अगर सुप्रीम कोर्ट इसका पालन करता है तो हाई कोर्ट भी करेंगे।’ साथ ही उन्होंने सरकार के शीर्ष वकील से लिफाफे में बंद जानकारी को पढ़कर सुनाने या वापस ले जाने की बात कही।