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पाकिस्तान की सीमा से लगे 4 राज्यों में गुरुवार को होगी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

पाकिस्तान की सीमा से लगे 4 राज्यों में गुरुवार को होगी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

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नई दिल्ली, 28 मई। भारत सरकार ने पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों – गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में गुरुवारी की शाम सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है। इससे पहले देशभर में गत सात मई को सिविल मॉक ड्रिल की गई थी। गृह मंत्रालय ने सात मई को देशभर के 244 जिलों में एक बड़े नागरिक मॉक ड्रिल का आदेश दिया था। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब मॉक ड्रिल की जाएगी।

गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में होगी मॉक ड्रिल

सूत्रों का कहना है कि 29 मई को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के राज्यों में होने वाली इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी संभावित हमले या आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और सरकारी एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करना है। भारत-पाकिस्तान के बीच चले सैन्य टकराव के बाद यह दूसरी बार किया जा रहा है।

मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या है…

  • मॉक ड्रिल यानी एक तरह की ‘प्रैक्टिस’, जिसमें हम यह देखते हैं कि यदि कोई इमरजेंसी (जैसे एयर स्ट्राइक या बम हमला) हो जाए तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी रिएक्ट करता है।
  • ब्लैकआउट एक्सरसाइज का मतलब है कि एक तय समय के लिए पूरे इलाके की लाइटें बंद कर देना। इसका मकसद यह दिखाना होता है कि यदि दुश्मन देश हमला करे तो इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल होती है।

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूरसे भारत का पलटवार

उल्लेखनीय है कि गत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। उस हमले की जवाबी काररवाई करते हुए भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत प्रहार किया था। इस सैन्य काररवाई में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया।

इस सिविल मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य संभावित आतंकवादी खतरों के खिलाफ देश की तैयारी को पुख्ता करना और संकट या आतंकी हमले की स्थिति में अपनी संभावित रणनीतियों का मूल्यांकन करना है। पिछली मॉकड्रिल्स में, विभिन्न राज्यों में आतंकवाद निरोधी दस्तों और कमांडो ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर एक वास्तविक आतंकवादी हमले का अनुकरण किया था। इन अभ्यासों से आपातकालीन सेवाओं और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं को परखा जाता है।

भारत की आतंकवाद पर जीरो-टॉलरेंसनीति

हाल ही में भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विश्व भर में उजागर करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा। इस कदम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों और फर्जी दावों को उजागर करना है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘जीरो-टॉलरेंस’ वाले एकजुट संदेश को साझा करना भी इसका ध्येय है, जिसे वैश्विक समुदाय के सदस्यों से मजबूत समर्थन मिल रहा है।

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