चीन का अंतिम लैब मॉड्यूल ‘मेंग्शन’ निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा
बीजिंग, 1 नवम्बर। चीन का अंतिम लैब मॉड्यूल ‘मेंग्शन’ मंगलवार को उसके निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया। यह अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के चीन के एक दशक से भी ज्यादा पुराने प्रयासों का हिस्सा है।
सरकारी प्रसारणकर्ता सीसीटीवी ने ‘चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी’ के हवाले से बताया कि मेंग्शन मॉड्यूल मंगलवार सुबह तियांगोंग स्टेशन पर पहुंचा। मेंग्शन को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान पर वेनचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सोमवार दोपहर को भेजा गया था। इसे अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने के लिए 13 घंटे का वक्त लगने की संभावना थी।
इस मॉड्यूल के प्रक्षेपण के वक्त कई लोगों ने चीनी झंडे लहराए और चीन के पात्रों वाली टी-शर्ट पहनी जो अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े गहरे राष्ट्रीय गौरव को दर्शाता है। मेंग्शन या ‘सेलेस्टियन ड्रीम्स’ चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग के लिए दूसरा लैब मॉड्यूल है। दोनों तियान्हे कोर मॉड्यूल से जुड़े हैं, जहां अंतरिक्ष यात्री रहते और काम करते हैं।
लांग मार्च-5बी के जरिए किया गया मेंग्शन का प्रक्षेपण
चीन के सबसे बड़े रॉकेट में शामिल लांग मार्च-5बी के जरिए मेंग्शन का प्रक्षेपण किया गया। चीन अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, तियांगोंग में अभी दो पुरुष और एक महिला अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। चेन डोंग, काई शुझे और लियु यांग छह महीने के अभियान पर जून की शुरुआत में अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे। वे स्टेशन के निर्माण का काम पूरा करेंगे, अंतरिक्ष में चहलकदमी और अतिरिक्त प्रयोग करेंगे।
मेंग्शन का वजन 23 टन, ऊंचाई 58.7 फुट और मोटाई 13.8 फुट
मेंग्शन का वजन करीब 23 टन, ऊंचाई 58.7 फुट और मोटाई 13.8 फुट है। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लैब घटक के रूप में मेंग्शन मॉड्यूल में वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल सूक्ष्म गुरुत्व का अध्ययन करने और द्रव भौतिकी, पदार्थ विज्ञान और मौलिक भौतिकी आदि में प्रयोग करने में किया जाएगा।
चीन के इस अंतरिक्ष कार्यक्रम के करीबी सैन्य संबंधों का जिक्र करते हुए शंघाई राजनीतिक विज्ञान एवं कानून विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नी लेक्सियोंग ने कहा, ‘यह अंतरिक्ष कार्यक्रम एक बड़े देश का प्रतीक है और चीन की राष्ट्रीय रक्षा के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने वाला है। यह चीन के लोगों के विश्वास को बढ़ाने, उनमें देशभक्ति जगाने तथा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाला भी है।’
कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य इकाई कर रही इस अंतरिक्ष कार्यक्रम का संचालन
चीन की अगले वर्ष शुनशन अंतरिक्ष दूरबीन भेजने की योजना है, जो तियांगोग का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह स्टेशन की कक्षा की परिक्रमा करेगी और उसकी देखरेख पर नजर रखेगी। चीन के इस अंतरिक्ष कार्यक्रम का संचालन सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य इकाई कर रही है।
अमेरिका ने चीन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से बाहर रखा है
अमेरिका ने चीन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से बाहर रखा है क्योंकि उसके कार्यक्रम का सेना से संबंध है। इसके बावजूद चीन, मेंग्शन पर प्रयोगों के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ भागीदारी कर रहा है तथा फ्रांस, जर्मनी, इटली, पाकिस्तान के साथ कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है।