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चीन से तनातनी के बीच मोदी सरकार ने लद्दाख के लिए शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को दी मंजूरी

चीन से तनातनी के बीच मोदी सरकार ने लद्दाख के लिए शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को दी मंजूरी

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नई दिल्ली, 16 फरवरी। चीन के साथ पिछले 33 महीनों से लगातार जारी गतिरोध के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने निमू-पदम-दरचा सड़क सम्पर्क पर 4.1 किलोमीटर लम्बी शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी। भारत-चीन सीमा पर लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के बीच बनने वाली यह सुरंग सभी मौसमों में लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों के लिए सम्पर्क प्रदान करेगी।

2025 तक बन कर तैयार हो जाएगी सुरंग

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि सुरंग के निर्माण का कार्य दिसम्बर, 2025 तक पूरा हो जाएगा और इस पर 1681 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इस सुरंग की लम्बाई 4.1 किलोमीटर होगी और यह सभी मौसमों में लद्दाख के लिए सड़क सम्पर्क को सुगम बनायेगी। यह इस केंद्रशासित प्रदेश के सीमावर्ती इलाके तक जाने के लिए सबसे छोटा रास्ता होगा। ठाकुर ने बताया कि यह परियोजना सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और इससे सुरक्षा बलों को इन इलाकों तक पहुंचने में सहूलियत होगी।

बीआरओ बनाएगा 16,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर सुरंग

मनाली-दारचा-पदम-निमू के रास्ते पर समुद्र तल से 16,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनने वाली यह सुरंग चीन या पाकिस्तान द्वारा लंबी दूरी की मिसाइल या तोपों की फायरिंग से भी सुरक्षित होगी और सुनिश्चित करेगी सैनिकों और भारी हथियारों को तेजी से आगे के इलाकों में पहुंचाया जा सके। इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) करेगी।

गौरतलब है कि मई, 2021 में रक्षा मंत्रालय ने बीआरओ और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के बीच लंबी खींचतान के बाद 4.1 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। बीआरओ ने जहां छोटी सुरंग का प्रस्ताव दिया था, वहीं एनएचआईडीसीएल ने 12.7 किलोमीटर की सुरंग कनेक्टिविटी का प्रस्ताव दिया है।

सूत्रों के अनुसार कि छोटी सुरंग के साथ योजना में आगे बढ़ने का एक मुख्य कारण चीन से खतरे के सामने परियोजना को जल्द पूरा करना है। हालांकि बीआरओ ने 2019 में दारचा-पदम-निमू पर बिटुमिनस परत बिछा दी थी, लेकिन शिंकुन ला में भारी बर्फ के कारण सर्दियों के महीनों में इस सड़क का उपयोग अभी नहीं किया जा सकता।

 

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