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चीन ने जारी किया संयुक्त बयान – भारत के साथ स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में हुई नवीनतम दौर की बातचीत

चीन ने जारी किया संयुक्त बयान – भारत के साथ स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में हुई नवीनतम दौर की बातचीत

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बीजिंग, 16 अगस्त। चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 19वां दौर 13 व 14 अगस्त को भारतीय सीमा की तरफ चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया। दो दिवसीय बैठक के बाद बुधवार को जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में चीन ने कहा कि भारत के साथ सीमा वार्ता का नवीनतम दौर स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में आयोजित हुआ।

गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी को लेकर सफलता का संकेत नहीं

सीमा वार्तान के इस नए दौर में दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दे के समाधान को लेकर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। हालांकि गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी को लेकर किसी तत्काल सफलता का संकेत नहीं मिला।

चीन ने भारत के साथ बातचीत को सराहा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को मीडिया के एक सवाल पर कहा कि चीन बैठक के माध्यम से हुई प्रगति की सराहना करता है। स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा की।

दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत – वांग वेनबिन

वांग ने कहा, ‘नेतृत्व द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्ष शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से बातचीत एवं वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। अंतरिम रूप से दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।’

ब्रिक्स समिट के ठीक पहले हुई वार्ता

उल्लेखनीय है कि यह वार्ता ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोहानेसबर्ग यात्रा से कुछ दिन पहले आयोजित की गई, जहां उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात होगी। भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कुछ बिंदुओं पर तीन वर्ष से अधिक समय से आमने-सामने की स्थिति में हैं। दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। इससे पहले, 23 अप्रैल को हुई सैन्य वार्ता के 18वें दौर में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की पैरवी की थी।

भारत की चीन को दो-टूक

इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानेसबर्ग में पांच देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक के मौके पर शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जो पिछले दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

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