देहरादून, 17 मई। चारधाम यात्रा के तहत यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के बाद सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भी अगले छह माह के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर धाम को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी इस मौके पर मौजूद थे।
केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा केदार पुरी में पंचाग पूजन के तहत तड़के 3.30 बजे भगवान केदारनाथ सहित अनेक देवी- देवताओं का आह्वान किया गया। भोर में ठीक पांच बजे रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा जिला, तहसील प्रशासन व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में कपाट खोलने की घोषणा के साथ ही विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई। इसके बाद भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओं व विधि-विधान से खोले गए।
कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। ज्ञातव्य है कि गुजरात के उद्योगपति दीपक रावत हर वर्ष दीपावली, सावन और कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी के नाम की पूजा करवाते हैं। देवस्थानम बोर्ड की ओर से 6,500 रुपये की रसीद पीएम मोदी के नाम से पूजा के लिए काटी गई।
हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई थी, जो शनिवार और रविवार को पहुंच गए थे।
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुभकामनाएं देते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करें। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जनकल्याण के लिए की गई है।
- यमुनोत्री व गंगोत्री धामों के कपाट पहले ही खोले चा चुके हैं
ज्ञातव्य है कि केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर वर्ष अप्रैल-मई के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं। फिर अक्टूबर-नवम्बर में सर्दियों के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं। इस वर्ष 14 मई को यमुनोत्री धाम और अगले दिन 15 मई को गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। हालांकि कोरोना महामारी के चलते इन धामों में भी श्रद्धालुओं के जाने पर रोक है। अब 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।