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लॉस एंजलिस में फैली अराजकता : प्रदर्शनकारियों ने लूटा एप्पल स्टोर, सड़कों पर आगजनी और हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू

लॉस एंजलिस में फैली अराजकता : प्रदर्शनकारियों ने लूटा एप्पल स्टोर, सड़कों पर आगजनी और हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू

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लॉस एंजलिस, 11 जून। अमेरिका के दूसरे सबसे बड़ा शहर लॉस एंजलिस संप्रति पूरा तरह अराजकता के हवाले हो चुका है। शहर में रातभर हिंसा होती रही। इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने एप्पल का शो रूम लूट लिया। कई जगहों पर हुई आगजनी हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर मेयर कैरेन बास ने शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया है।

मेयर कैरेन बास ने बताया कि कर्फ्यू रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा और कई दिनों तक लागू रह सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि कर्फ्यू इलाके में रहने वाले लोगों और कामकाजी लोगों पर लागू नहीं होगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की रात नकाब पहने बदमाशों ने एक एप्पल स्टोर को लूट लिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कई नकाबपोश लोग एप्पल स्टोर में घुसकर गैजेट लूटते हुए देखे जा सकते हैं। पुलिस के आते ही कई लोग स्टोर से भागते हुए दिखाई दिए।

मेयर कैरेन बास ने एक पोस्ट में लिखा और हिंसा की निंदा की। उन्होंने लिखा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं, डाउनटाउन में तोड़फोड़ करने वाले या दुकानों को लूटने वाले किसी भी व्यक्ति को हमारे अप्रवासी समुदायों की परवाह नहीं है। आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।’ इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने लॉस एंजिल्स में कई कारों में आग लगा दी थी। कुल मिलाकर देखें तो शहर की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

ट्रंप ने 2000 नेशनल गार्ड्स और 700 मरीन्स की तैनाती की दिए आदेश

इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजलिस में 2000 और नेशनल गार्ड्स और 700 मरीन्स की तैनाती की आदेश दे दिए हैं। यहां 2000 नेशनल गार्ड्स पहले से ही तैनात हैं। इसके बाद इस शहर में सैनिकों की संख्या और भी बढ़ने वाली है। हालांकि ट्रंप के इस कदम का कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम जोरदार विरोध कर रहे हैं। गेविन का कहना है ट्रंप कैलिफोर्निया गवर्नर के अधिकारों को कुचल रहे हैं।

अवैध घुसपैठियों के खिलाफ काररवाई के जवाब में हो रही हिंसा

गौरतलब है कि लॉस एंजलिस पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन और हिंसा की चपेट में है। ये हिंसा यहां ट्रंप प्रशासन की ओर से अवैध घुसपैठियों की गिरफ्तारी शुरू किए जाने के खिलाफ हो रही है। अवैध प्रवासियों के खिलाफ काम कर रही अमेरिकी एजेंसी आईसीई ने कहा उसने एक जगह से 40 से अधिक संदिग्ध अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया है। उसने आईसीई डेटा का हवाला देते हुए कहा कि शुक्रवार को ग्रेटर एल.ए. क्षेत्र में आईसीई और दूसरी एजेंसियों ने 77 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया।

अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन ट्रंप का चुनावी वादा

उल्लेखनीय है कि अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन ट्रंप का चुनावी वादा रहा है। अब वह इस मिशन पर सख्ती से काम कर रहे हैं। यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने दशकों में राज्य के अनुरोध के बिना किसी राज्य में सैनिकों को भेजा था। अमेरिका में ये बड़ा मुद्दा बन गया है। ट्रंप की राजनीतिक धारा के विरोधी गेविन डेमोक्रेट पार्टी के हैं जबकि ट्रंप स्वयं रिपब्लिकन हैं।

लॉस एंजलिस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त आव्रजन नीतियों और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की छापेमारी के खिलाफ हिंसा हो रही है। 6-7 जून को शुरू हुई छापेमारी में फैशन डिस्ट्रिक्ट, कॉम्पटन और होम डिपो जैसे क्षेत्रों में 118 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। इससे लैटिनो समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे को अवरुद्ध किया, वाहनों में आग लगाई, और सरकारी भवनों पर हमला किया।

ट्रंप व कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम आमने-सामने

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में आंसू गैस, रबर बुलेट और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का उपयोग हुआ। ट्रंप प्रशासन ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए 2,000 नेशनल गार्ड और 700 मरीन सैनिक तैनात किए, जिसे गवर्नर गैविन न्यूसम ने भड़काऊ कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक सुरक्षा का मसला नहीं है, यह एक खतरनाक राष्ट्रपति के अहंकार को सहलाने के बारे में है। वहीं ट्रंप ने मेयर कैरेन बास और न्यूसम पर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।

 

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