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चंपत राय बोले – श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप भ्रामक और राजनीति से प्रेरित

चंपत राय बोले – श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप भ्रामक और राजनीति से प्रेरित

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नई दिल्ली, 14 जून। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में ट्रस्ट पर लगाए गए भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि राजनीतिक लोग इस संबंध में जो प्रचार कर रहे हैं, वह भ्रामक और समाज को गुमराह करने वाला है।

आप सांसद संजय सिंह ने लगाए हैं ये आरोप

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है।

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी। यह सीधे-सीधे मनी लॉड्रिंग का मामला है। आम आदमी पार्टी सरकार से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने की मांग करती है। संजय सिंह के अलावा पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने भी ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाया है।

ट्रस्ट ने खुले बाजार से काफी कम दाम पर खरीदी हैं जमीनें

ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जिस जमीन को लेकर चर्चा की जा रही है, वह रेलवे स्टेशन के पास वह प्राइम लोकेशन है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अब तक जितनी जमीन खरीदी है, खुले बाजार की कीमत से बहुत कम दामों पर खरीदी है।

चंपत राय ने कहा कि नौ नवंबर, 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने की मांग बढ़ने लगी। देश के कई लोग जमीन खरीदने के लिए आने लगे। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान विक्रेताओं ने वर्षों पहले जिस कीमत पर जमीन बेचने का समझौता किया था। उसी जमीन को ट्रस्ट ने मार्च 2021 में अपने नाम कराया है। इसके बाद ही ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट किया। आरोप लगाने का तो कई मतलब ही नहीं बनता।

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