966 करोड़ के चुनावी बॉण्ड खरीदने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर CBI ने कसा शिकंजा, कम्पनी के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप
नई दिल्ली, 13 अप्रैल। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉण्ड योजना के जरिए डोनेशन देने वालों में देश की दूसरी सबसे बड़ी कम्पनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अधिकारियों पर अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शिकंजा कस दिया है।
कम्पनी के अधिकारियों पर 315 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप
दरअसल, पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी के स्वामित्व वाली मेघा इंजीनियरिंग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और सीबीआई ने इन अधिकारियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि कम्पनी के अधिकारियों पर 315 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप है। इस कम्पनी ने राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड के जरिए 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया था, जो कम्पनियों द्वारा दिया गया दूसरा सबसे बड़ा चुनावी चंदा था।
इस्पात मंत्रालय के NMDC आयरन एंड स्टील प्लांट के 8 अधिकारी भी संलिप्त
सीबीआई के अनुसार, इस्पात मंत्रालय के NMDC आयरन एंड स्टील प्लांट के आठ अधिकारियों समेत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है। सीबीआई की ओर से इन अधिकारियों पर एनआईएसपी के लिए ₹315 करोड़ के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार का आरोप है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित रिश्वत दी। प्राथमिकी में एनआईएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन के दो अधिकारियों को भी कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए नामित किया गया है।
कम्पनी ने भाजपा को सबसे ज्यादा 586 करोड़ की राशि दी
गौरतलब है कि मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। भारत निर्वाचन आयोग के 21 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बॉण्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि का दान दिया था। कम्पनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया। टीडीपी को कम्पनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले।