इम्फाल, 29 जुलाई। मणिपुर में जनजातीय समुदाय की दो महिलाओं को नग्न सड़क पर घुमाने और उसका वीडियो वायरल करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी काररवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। मणिपुर पुलिस से ये केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया है, जिसने अब अपनी जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, सीबीआई के अधिकारियों के हाथ में केस आने के एक दिन बाद ही इस मामले में एफआईआऱ दर्ज कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया और कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति शून्य-सहिष्णुता रखती है और अदालत से यह निर्देश देने की मांग की कि मामले की सुनवाई मुकदमा दायर होने के छह महीने के भीतर समाप्त की जाए। केंद्र ने यह भी कहा कि आरोप पत्र का ट्रायल मणिपुर के बाहर होना चाहिए।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा दायर हलफनामे में कहा कि केंद्र सरकार वर्तमान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बहुत जघन्य मानती है, जिन्हें न केवल उतनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए, बल्कि न्याय भी किया जाना चाहिए ताकि पूरे देश में अपराधों के संबंध में इसका निवारक प्रभाव पड़े।
सीबीआई मणिपुर में कई मामलों में पहले से जांच कर रही
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी विशेष जांच टीम (एसआईटी) पहले से ही मणिपुर में हिंसा और राज्य के शस्त्रागारों से हथियारों की लूट से संबंधित छह अन्य मामलों की जांच कर रही है।
सीबीआई जांच से परिचित अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी पीड़ितों, उनके परिवारों और गवाहों के बयान लेने के अलावा मणिपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपितों को हिरासत में लेगी और उनसे पूछताछ करेगी।
गौरतलब है कि मणिपुर में गत तीन मई को हिंसा भड़कने के अगले दिन यानी चार मई को एक गांव में दो महिलाओं को उपद्रवियों ने जबरन पकड़ा और उनके कपड़े उतरवा कर उनसे परेड करवाई। इस मामले से जुड़ा फुटेज 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद सड़क से लेकर संसद तक मामले की गूंज उठी।
वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार से आरोपितों को पकड़ने की मांग जब तेज हुई तो मणिपुर पुलिस हरकत में आई। इस मामले में वीडियो सामने आने के बाद ही शाम तक मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा कई अन्य आरोपितों को भी हिरासत में लिया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर पुलिस से यह केस लेकर सीबीआई को सौंप दिया।