दिल्ली आबकारी घोटाले में नामजद 8 आरोपितों के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी
नई दिल्ली, 21 अगस्त। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी घोटाले में नकेल कसना शुरू कर दिया है। इस क्रम में जांच एजेंसी ने घोटाले के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद आठ आरोपितों के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ (एलओसी) जारी कर दिया है।
एफआईआर में कुल 9 निजी लोग नामजद, उनमें मनीष सिसोदिया नहीं
एफआईआर में कुल नौ निजी लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। परनोड रिकार्ड के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज राय को छोड़कर सभी निजी व्यक्तियों के खिलाफ एलओसी जारी किया गया है। आरोपितों में ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रू, बडी रिटेल के निदेशक अमित अरोड़ा, राधा इंडस्ट्रीज के दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर के मालिक सनी मारवाह शामिल हैं।
सीबीआई ने दिन में सिसोदिया के दावे का किया था खंडन
इसके पूर्व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार की सुबह दावा किया था कि सीबीआई ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। हालांकि अधिकारियों ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा है कि जांच एजेंसी ने ‘फिलहाल’ ऐसी कोई काररवाई नहीं की है।
‘आप‘ और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी
आम आदमी पार्टी (आप) ने मोदी सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए आरोप लगाया था कि वह हर सुबह ‘सीबीआई-ईडी (प्रवर्तन निदेशालय)’ का खेल खेलती है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह घबराए हुए हैं क्योंकि घोटाले की जड़ें उनके दरवाजे तक जाती हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 17 नवंबर, 2021 से लागू आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित प्रक्रियात्मक चूक और नियमों के उल्लंघन की जांच की पिछले महीने सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के आवास सहित अन्य निजी लोगों के 31 ठिकानों पर छापे मारे थे। सक्सेना द्वारा जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी।