
PAC के पास भेजी जाएगी दिल्ली आबकारी नीति मामले में CAG रिपोर्ट, बढ़ सकती हैं केजरीवाल-सिसोदिया की मुश्किलें
नई दिल्ली, 25 फरवरी। दिल्ली की भाजपा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में दिल्ली आबकारी नीति मामले में जो कैग रिपोर्ट पेश की, उसे अब आगे की कार्यवाही के लिए लोक लेखा समिति (पीएसी) के पास भेजा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि सीएजी रिपोर्ट पर विचार करने के लिए पब्लिक एकाउंट्स कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें 12 सदस्य होंगे। इसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप), दोनों ही पार्टियों के नेता शामिल होंगे।
CAG एक संवैधानिक संस्था है जो जवाबदेही है पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देती है। इसे संवैधानिक प्रहरी भी कहा जाता है और इसकी कार्यप्रणाली को मनानीय सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की मूल संरचना कहा है। CAG जनता, विधायिका और कार्यपालिका को यह स्वतंत्र और विश्वसनीय आश्वासन देती है,… pic.twitter.com/5m0KYptcte
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) February 25, 2025
PAC विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट
पीएसी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और दोषी लोगों के खिलाफ काररवाई की सिफारिशें करेगी। पीएसी अपनी रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी। रिपोर्ट के बाद सदन इस बात पर फैसला लेगा कि राजकोष को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या काररवाई की जा सकती है।
इसके साथ ही आबकारी नीति निर्माण और क्रियान्वयन में शामिल लोगों को समन जारी किया जा सकता है, जिसमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, जीओएम (आबकारी नीति के लिए मंत्रियों के समूह का हिस्सा रहे पूर्व ‘आप’ मंत्री), अधिकारी और निजी व्यक्ति शामिल हैं।
क्या है PAC
पब्लिक अकाउंट्स कमेटी भारत सरकार के राजस्व और व्यय का ऑडिट करने के उद्देश्य से भारत की संसद द्वारा गठित संसद के चयनित सदस्यों की एक समिति है। राज्यों के विधानसभा में भी पीएसी गठन के लिए यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। किसी विधानसभा द्वारा गठित पीएसी में सदस्यों के तौर पर पक्ष और विपक्ष के विधायक शामिल होते हैं।