जूनियर खड़गे के बयान पर भाजपा का पलटवार – RSS पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की तो जलकर राख हो जाएगी कांग्रेस
बेंगलुरु, 27 मई। कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे द्वारा दक्षिणी राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कहने पर विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने प्रियांक पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस बजरंग दल या आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करती है तो वह जलकर राख हो जाएगी।
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष कतील बोले – प्रियांग को अपनी जुबान पर लगाम लगानी चाहिए
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं। हम सभी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरसिम्हाराव सरकार ने भी इस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। लेकिन सफल नहीं हो सके।’
नलिन कुमार ने कहा, ‘बजरंग दल और आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की तो कांग्रेस जलकर राख हो जाएगी। प्रियांक खड़गे के लिए बेहतर है कि वे देश के इतिहास के बारे में जानें। उन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगानी चाहिए।’
प्रियांक खड़गे ने RSS पर क्या कहा?
उल्लेखनीय है कि चित्तपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा था, ‘हम उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेंगे, जो मोरल पुलिसिंग में लिप्त हैं। यह आरएसएस या बजरंग दल या कोई अन्य सांप्रदायिक संगठन हो सकता है।’
प्रियांक ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अगर कोई धार्मिक या राजनीतिक संगठन शांति भंग करने, सांप्रदायिक नफरत फैलाने और कर्नाटक को बदनाम करने की कोशिश करता है तो हमारी सरकार उनसे कानूनी रूप से निबटने या उन पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेगी। भले ही वह आरएसएस या कोई अन्य संगठन।’
भाजपा शासन के दौरान लागू किए गए आदेशों की समीक्षा होगी
हिजाब पर प्रतिबंध हटाने की बात पर उन्होंने कहा कि भाजपा शासन के दौरान लागू किए गए आदेश और कानून जैसे कि स्कूल पाठ्यपुस्तक संशोधन और धर्मांतरण विरोधी कानून की समीक्षा की जाएगी। उसे या तो संशोधित किया जाएगा या फिर वापस ले लिया जाएगा।
कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था। घोषणापत्र ने बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया था। आरएसएस और भाजपा ने चुनावी वादों को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी। बीजेपी के चौतरफा हमले के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई थी। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का पार्टी की तरफ से कोई सुझाव नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बजरंग दल पर प्रतिबंध के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, ‘पहले उन्होंने (कांग्रेस) भगवान राम को बंद किया और अब उन्होंने जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को बंद करने की कसम खाई है। यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस को भगवान राम से दिक्कत थी और अब उसे जय बजरंगबली कहने वालों से दिक्कत है।’