यूपी : संभल में जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी का भूमि पूजन, ASP ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रखी आधारशिला
संभल, 28 दिसम्बर। संभल में पिछले माह जिस शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी और पत्थरबाजी व गोलीबारी में चार लोगों की मौत हुई थी, उसी मस्जिद के सामने प्रस्तावित पुलिस चौकी का आज भूमि पूजन किया गया। पुलिस ने इसके लिए पहले से व्यापक तैयारियां की थीं। तेज बारिश के बावजूद आचार्य शोभित शास्त्री विधि विधान से भूमि पूजन कराया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच एएसपी श्रीशचंद्र व कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर ने पुलिस चौकी की नींव रखी।
इस चौकी का नाम सत्यव्रत पुलिस चौकी रखा जाएगा
बताया गया कि वास्तु शास्त्र का ध्यान रखते हुए जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी निर्माण के लिए नींव रखी गई है। सतयुग में संभल का नाम सत्यव्रत नगर होने के आधार पर इस चौकी का नाम सत्यव्रत पुलिस चौकी रखा जाएगा।
एएसपी श्रीशचंद्र ने कहा कि इलाका काफी संवेदनशील है। यहां पर काफी लोगों की मांग थी कि सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस चौकी का निर्माण किया जाए, इसलिए यहां पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। इस जगह पर काफी पुलिस बल भी तैनात रहता है, फोर्स रहती है। पुलिस चौकी के बन जाने से जवानों के यहां रहने की व्यवस्था हो पाएगी।
गौरतलब है कि संभल में बीते 24 नवम्बर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा को लेकर प्रशासन ने फैसला लिया था कि मस्जिद के सामने खाली पड़े मैदान में नई पुलिस चौकी बनाई जाएगी। इसको लेकर जगह चिह्नित की गई थी। एडिशनल एसपी और सीओ श्रीचंद्र ने इस जगह की नापी कराई थी।
संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है। मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहाँ की सरकार ना तो स्कूल खुलवाती है, ना अस्पताल। अगर कुछ बनाया जाता है तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने। सरकार के पास किसी और चीज़ के लिए पैसे नहीं होते, बस पुलिस चौकी और शराब खाने के लिए…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 28, 2024
ओवैसी बोले – स्कूल या अस्पताल नहीं, सरकारें पुलिस चौकी बनवाती हैं
इस बीच हैदाराबाद के सांसद व AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है। मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहां की सरकार न तो स्कूल खुलवाती है, न अस्पताल। अगर कुछ बनाया जाता है तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने। सरकार के पास किसी और चीज के लिए पैसे नहीं होते, बस पुलिस चौकी और शराब खाने के लिए पैसे होते हैं। डेटा खुद ये कहता है कि मुसलमानों के इलाकों में सबसे कम सरकारी सुविधाएं फराहम की जाती हैं।’
