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भगवंत मान सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन माह की समय सीमा तय की

भगवंत मान सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन माह की समय सीमा तय की

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चंडीगढ़, 28 फरवरी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नशे की समस्या के खिलाफ लड़ाई का एलान करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को तीन माह के भीतर राज्य को नशा मुक्त राज्य बनाने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहां पंजाब भवन में पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी के साथ बैठक के दौरान कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार ने नशे के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने की नीति अपनाई है और इस समस्या के खिलाफ व्यापक लड़ाई शुरू कर रही है।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पुलिस का कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न चुनौतियों से निबटने का लंबा और शानदार इतिहास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अपनी शानदार परंपरा को कायम रखेगी और आम लोगों के सक्रिय सहयोग से राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाएगी।

दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशे के मामलों की तेजी से सुनवाई और दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस नेक कार्य के लिए पुलिस और सिविल प्रशासन को पूरा समर्थन और सहयोग दिया जाएगा।

स्कूलों-कॉलेजों में नशे की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं

भगवंत मान ने स्कूलों और कॉलेजों में नशे की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही ताकि युवा इसकी चपेट में न आएं। उन्होंने नशे की सप्लाई लाइन को पूरी तरह तोड़ने और नशा बेचने वालों को जेल में डालने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नशा तस्करों और उनके परिवारों को बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं में कोई सब्सिडी न दी जाए ताकि अपराधियों से सख्ती से निबटा जा सके।

नशे के खिलाफ लड़ाई को जन और सामाजिक आंदोलन में बदलना चाहिए

उन्होंने कहा कि अगर नशा तस्करों के खिलाफ मिसाल कायम करने के लिए एनडीपीएस एक्ट में किसी और संशोधन की जरूरत पड़ी तो वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई को जन और सामाजिक आंदोलन में बदलना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों को व्यापक काररवाई के लिए उचित योजना बनानी चाहिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, तरुणप्रीत सिंह सौंद और लालजीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे।

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