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लीड्स टेस्ट : बेन डकेट के पराक्रमी शतक से इंग्लैंड की शानदार जीत, एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत पिछड़ा

लीड्स टेस्ट : बेन डकेट के पराक्रमी शतक से इंग्लैंड की शानदार जीत, एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत पिछड़ा

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लीड्स, 24 जून। बल्लेबाजों के वर्चस्व वाले हेडिंग्ली ग्राउंड पर पांचवें व अंतिम दिन अंग्रेज ओपनर बेन डकेट की बारी थी, जिन्होंने भारतीय गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन और ढीली फील्डिंग का पूरा फायदा उठाते हुए पराक्रमी शतक (149 रन, 170 गेंद, 255 मिनट, एक छक्का, 21 चौके) ठोक दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि 371 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड ने अंतिम सत्र तक खिंची कश्मकश में पांच विकेट पर 373 रन बना लिए और लीड्स टेस्ट में पांच विकेट की शानदार जीत से पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 1-0 की अहम बढ़त हासिल कर ली। उल्लेखनीय यह है कि इस ग्राउंड पर पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड की यह लगातार छठी जीत रही।

ओपनरद्वय डकेट व जैक क्रॉली के बीच 188 रनों की बहुमूल्य साझेदारी

इंग्लैंड ने बिना क्षति 21 रनों से मंगलवार को पूर्वाह्न अपनी दूसरी पारी आगे बढ़ाई तो वह लक्ष्य से 350 रन दूर था। लेकिन पिछली शाम के नाबाद ओपनरों – ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ डकेट व जैक क्रॉली (65 रन, 126 गेंद, 199 मिनट, सात चौके) ने भारतीय आक्रमण को असहाय साबित करते हुए 188 रनों की साझेदारी से भारत की मैच में वापसी के सारे रास्ते बंद कर दिए थे। बाद में जो रूट (नाबाद 53 रन, 84 गेंद, 155 गेंद, छह चौके) और विकेटकीपर बल्लेबाज जैमी स्मिथ (नाबाद 44 रन, 55 गेंद, 54 मिनट, दो छक्के, चार चौके) ने छठे विकेट पर 71 रनों की अटूट साझेदारी से दल की यादगार जीत सुनिश्चित की।

पांच शतकों के बावजूद टेस्ट गंवाने वाला पहला देश बना भारत

विडम्बना देखिए कि भारत की ओर से इस मैच में इंग्लैंड के दो के मुकाबले पांच शतक बने, इसके बावजूद टीम को पराजय का सामना करना पड़ा। टेस्ट इतिहास में यह पहला मौका था कि कोई टीम एक मैच में पांच शतक जड़ने के बावजूद हार गई। हालांकि इस हार के पीछे खराब क्षेत्ररक्षण भी जिम्मेदार रहा क्योंकि भारतीयों ने कई कैच टपकाए। वहीं पहली पारी में पांच शिकार करने वाले जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से गेंदबाजी में सहयोग नहीं मिल पाने से भी भारत की मुश्किलें बढीं।

जो रुट व जैमी स्मिथ ने अटूट अर्धशतकीय भागीदारी से जीत सुनिश्चित की

आखिरी सत्र में जडेजा ने 68वें ओवर में अंग्रेज कप्तान बेन स्टोक्स (33 रन, 51 गेंद, 53 मिनट, चार चौके) को शुभमन गिल के हाथों कैच जो रूट संग उनकी 49 रनों की भागीदारी तोड़ी (5-302) तो उस समय इंग्लैंड को 69 रनों की जरूरत थी। लेकिन रूट ने 150 से अधिक टेस्ट के अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल करते हुए युवा जैमी स्मिथ के साथ मेजबानों को मंजिल दिला दी। स्मिथ ने 82वें ओवर में रवींद्र जडेजा की अंतिम गेंद पर विजयी छक्का जड़ा।

यशस्वी ने टपकाए चार कैच, कप्तान गिल की अनुभवहीनता भी साफ दिखी

भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने चार कैच टपकाए। कप्तान गिल की अनुभवहीनता भी साफ नजर आई, जिनके कुछ फैसले और रणनीति सटीक नहीं रही। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि सबसे अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल कप्तानी कर रहे हैं। इस हार के साथ ही पारंपरिक प्रारूप में कोच गौतम गंभीर का रिकॉर्ड और खराब हो गया। गंभीर के कोच रहते भारत अब 11 में से सात टेस्ट हार चुका है। यह आंकड़ा दोहरे अंकों में भी पहुंचने का डर है क्योंकि बुमराह बाकी चार में से दो मैच नहीं खेलेंगे।

दूसरे टेस्ट के लिए गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव तय

शार्दुल ठाकुर ने पूरे मैच में 16 ओवर डाले और दो विकेट चटकाए। जडेजा जिस तरह से लय के लिए जूझते नजर आए , कुलदीप यादव को नहीं खिलाने के फैसले पर टीम प्रबंधन जरूर मलाल कर रहा होगा। दूसरी पारी के दो सहित प्रसिद्ध कृष्णा ने मैच में पांच विकेट अवश्य लिए, लेकिन जिस तरह उनकी गेंदों पर चौके पड़े, वह भरोसेमंद गेंदबाज नजर नहीं आते। ऐसे में सीम और स्विंग गेंदबाजी के महारथी ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की कमी खली। दो जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में अभी समय है, लेकिन गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव तय है ताकि मैच में पूरे 20 विकेट लिए जा सकें।

अंतिम दिन के खेल की बात करें तो केंट के वामहस्त बल्लेबाज 30 वर्षीय डकेट ने पहले सत्र में बुमराह को संभलकर खेला, जिन्होंने दूसरी पारी के दौरान 19 ओवरों में बिना सफलता 57 रन दिए। डकेट और जैक क्रॉली लंच (0-117) निकाला और तेज प्रहारों से अपनी भागीदारी दोहरे शतक की ओर ले जा रहे थे।

34 वर्षों बाद चौथी पारी में इंग्लैंड के ओपनरों की सर्वश्रेष्ठ भागीदारी

हालांकि 41वें ओवर में 181 के स्कोर पर बारिश के चलते कुछ देर तक खेल रोकना पड़ा और जब खेल शुरू हुआ तो भारत को नम मौसम का थोड़ा फायदा मिलता दिखा। इस क्रम में प्रसिद्ध कृष्णा ने क्रॉली को स्लिप में राहुल के हाथों कैच करा 188 रनों की भागीदारी तोड़ी। यह 34 वर्षों बाद चौथी पारी में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों की सर्वश्रेष्ठ भागीदारी थी। 25 जनवरी, 1991 को माइक अरर्थन व ग्राहम गूच ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 203 रनों की भागीदारी की थी।

डकेट के टेस्ट करिअर का छठा शतक

इंग्लैंड को दूसरा झटका भी जल्द ही लगा, जब प्रथम पारी के शतकवीर ओली पोप (आठ रन) को कृष्णा ने ही बोल्ड मार दिया। लेकिन दोहरे झटकों के बावजूद डकेट ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी। हालांकि 97 के निजी स्कोर पर डकेट बाल-बाल बचे, जब शार्दुल की गेंद पर यशस्वी ने डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर उनका कैच छोड़ दिया। लेकिन उन्होंने अगले ही ओवर में जडेजा की गेंद पर डीप प्वॉइंट की ओर चौका लगाकर अपना छठा शतक पूरा किया।

हेडिंग्ली में चौथी पारी में शतक लगाने वाले पहले अंग्रेज ओपनर बने डकेट

इसके साथ ही डकेट लीड्स में टेस्ट मैच की चौथी पारी में शतक लगाने वाले इंग्लैंड के पहले सलामी बल्लेबाज बन गए। कुल मिलाकर, वह इस मैदान पर ऐसा करने वाले दूसरे सलामी बल्लेबाज हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के आर्थर मॉरिस ने 1948 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में शतक लगाया था।

स्कोर कार्ड

शार्दुल ने अंततः चाय (4-269) के तनिक पहले 54वें ओवर में डकेट की बहुमूल्य पारी पर विराम लगाया, जिन्हें कवर में नीतीश रेड्डी लपका और अगली ही गेंद पर हैरी ब्रुक (0) भी विकेट के पीछे कैच दे बैठे तो भारत ने मैच में वापसी की कोशिश की (4-253)। लेकिन स्टोक्स, रूट व जैमी स्मिथ ने भारत के अरमानों पर पानी फेर दिया।

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