पीएम मोदी व शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले कांग्रेस का तीखा प्रहार, जयराम रमेश ने पूछे 6 सवाल
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। रूसी शहर कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात से पहले कांग्रेस ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर करार प्रहार किया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सारे सवाल बरकरार हैं, लिहाजा सरकार को सीमा पर गश्त को लेकर चीन के साथ समझौते पर लोगों को विश्वास में लेना चाहिए। इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक विस्तृत बयान जारी कर पीएम मोदी से छह तीखे सवाल भी पूछे हैं।
यह गतिरोध ‘पीएम मोदी की मूर्खता और भोलेपन का पूर्ण दोष‘
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ समझौते की घोषणा हुई है। दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 2020 से जारी गतिरोध खत्म हो गया है और दोनों देशों के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग पर साझा सहमति बन गई है। फिलहाल जयराम रमेश ने बुधवार को दोनों देशों पर निशाना साधा और चार वर्षों से अधिक समय से चल रहे गतिरोध को ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्खता और भोलेपन का पूर्ण दोष’ बताया।
मोदी सरकार की इस घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था को लेकर चीन के साथ समझौता हो गया है। इस महत्वपूर्ण मामले पर हमारा बयान। pic.twitter.com/iMaxGxQZeP
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 23, 2024
जयराम रमेश ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के संघर्ष विराम पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से छह सीधे सवाल पूछे और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई दिल्ली की ‘दशकों में सबसे खराब विदेश नीति’ को सम्मानजनक तरीके से हल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘यह दुखद घटना चीन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्खता और भोलेपन का पूर्ण दोषारोपण है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का चीन ने तीन बार भव्य तरीके से स्वागत किया। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने चीन की पांच आधिकारिक यात्राएं कीं और चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ 18 बैठकें कीं, जिसमें उनके 64वें जन्मदिन पर साबरमती के तट पर एक दोस्ताना स्विंग सेशन भी शामिल है।’
पीएम के बयान का जिक्र
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘भारत की स्थिति 19 जून, 2020 को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, जब प्रधानमंत्री ने चीन को अपनी कुख्यात क्लीन चिट देते हुए कहा, “कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं घुसा है, न ही कोई इसमें घुसपैठ कर रहा है।” यह बयान गलवान झड़प के ठीक चार दिन बाद दिया गया, जिसमें हमारे 20 जांबाज सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
जयराम रमेश ने कहा, ‘यह हमारे शहीद सैनिकों का घोर अपमान था, इसने चीनी आक्रामकता को भी वैध बना दिया और इस तरह एलएसी पर गतिरोध के समय पर समाधान में बाधा उत्पन्न की। पूरे संकट के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण को डीडीएलजे के रूप में सबसे अच्छे ढंग से वर्णित किया जा सकता है। इनकार करना, ध्यान भटकाना, झूठ बोलना और औचित्य सिद्ध करना।’
संसद में चर्चा करने का कोई अवसर नहीं दिया
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘इस बीच, संसद को चार साल से अधिक समय तक सीमा चुनौतियों से निबटने के हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाने के लिए बहस और चर्चा करने का कोई अवसर नहीं दिया गया, जैसा कि पिछली सरकारों के तहत होता रहा है।’
लगातार बढ़ रहा चीनी निर्यात
उन्होंने आगे कहा, ‘मोदी सरकार के कायरतापूर्ण दृष्टिकोण को विदेश मंत्री द्वारा चीनी घुसपैठ के प्रति सरकार के दृष्टिकोण पर एक सवाल के जवाब में दिए गए बयान से रेखांकित किया गया कि “देखिए, वे एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मैं क्या करने जा रहा हूं? एक छोटी अर्थव्यवस्था के रूप में, क्या मैं एक बड़ी अर्थव्यवस्था से लड़ने जा रहा हूं?’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “इस बीच, चीनी आक्रामकता की छाया में “बड़ी अर्थव्यवस्था” पर भारत की आर्थिक निर्भरता बढ़ गई है। भारत को चीनी निर्यात 2018-19 में 70 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में रिकॉर्ड 101 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है जबकि चीन को भारतीय निर्यात 16 बिलियन डॉलर पर स्थिर रहा।
कांग्रेस महासचिव ने मोदी सरकार से पूछे ये 6 सवाल
- क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी क्लेमिंग लाइन तक और बॉटलनेक जंक्शन से आगे पांच गश्त बिंदुओं तक गश्त कर पाएंगे, जैसा कि वे पहले कर सकते थे?
- क्या हमारे सैनिक डेमचोक में तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंच पाएंगे, जो चार साल से अधिक समय से प्रतिबंधित हैं?
- क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक सीमित है, जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?
- क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में तीन गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने की अनुमति है, जहां वे पहले जा सकते थे?
- क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर हेलमेट टॉप, मुकपा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और चुशुल में गुरुंग हिल के पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा?
- क्या हमारी सरकार द्वारा चीन को सौंपे गए “बफर जोन” को बहाल किया जाएगा? युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह के लिए रेजांग ला में एक स्मारक स्थल सहित कांग्रेस को सौंपी गई परियोजनाएं अब अतीत की बात हो गई हैं?