कोलकाता, 13 अक्टूबर। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने दूसरा कार्यकाल न मिलने के बाद उभरे राजनीतिक विवाद को यह कहते हुए खत्म करने की कोशिश की कि बोर्ड में किसी भी पद पर कोई भी शख्स परमानेंट नहीं है।
हाल ही में हुई बोर्ड की एक मीटिंग के बाद खबरें सामने आई थी कि उन्हें पद छोड़ने को कहा गया है, जबकि वह दूसरा कार्यकाल चाहते थे। यह खबर सामने आने के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेताओं ने दादा को हटाने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था जबकि बीजेपी ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया था।
5 वर्ष बंगाल का अध्यक्ष रहा और अब बीसीसीआई चीफ रहा
फिलहाल सौरभ ने एक कार्यक्रम में कहा – ‘मैं पांच वर्षों तक बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष था। मैं वर्षों से बीसीसीआई का अध्यक्ष हूं। इन सभी शर्तों के बाद आपको जाना होगा। एक प्रशासक के रूप में आपको टीम के लिए बहुत योगदान देना होता है और चीजों को बेहतर बनाना होता है। मैं एक खिलाड़ी होने के नाते इसे समझा। मैंने एक प्रशासक के रूप में अपने समय का पूरा आनंद लिया। आप हमेशा टीम में नहीं खेल सकते और न ही प्रशासन में नहीं रह सकते।’
बोर्ड अध्यक्ष के रूप में रोजर बिन्नी लेंगे सौरभ गांगुली की जगह
उल्लेखनीय है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य 67 वर्षीय रोजर बिन्नी के सौरभ गांगुली की जगह अगला बीसीसीआई अध्यक्ष होने की संभावना है जबकि भाजपा विधायक आशीष शेलार के अरुण धूमल की जगह कोषाध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है। जय शाह बीसीसीआई सचिव के रूप में अपने पद पर बरकरार रहेंगे। वहीं बीसीसीआई के वरिष्ठ प्रशासक राजीव शुक्ल बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे।
मुंबई के ट्राइडेंट होटल में मंगलवार को हुई बीसीसीआई की बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न संघों के पदाधिकारियों ने बोर्ड में विभिन्न पदों के लिए नामांकन दाखिल किया। उम्मीद की जा रही है कि सभी पदाधिकारी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जाएंगे। 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक साधारण सभा में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।