नई दिल्ली, 14 जनवरी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने क्रिकेटरों के लिए प्रदर्शन से जुड़ी सैलरी संरचना शुरू करने की योजना बना रहा है। यह नया प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब भारत ने हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं में निराशाजनक प्रदर्शन किया है।
ऐसी ही एक समीक्षा बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर जैसे BCCI अधिकारियों के बीच खिलाड़ियों को उनके संबंधित प्रदर्शन के लिए अधिक जिम्मेदार बनाने के तरीके पर चर्चा हुई।
वेतन कटौती की नई प्रणाली ऐसे करेगी काम
बीसीसीआई की एक परिवर्तनशील वेतन संरचना की योजना कथित तौर पर कॉरपोरेट मूल्यांकन पर आधारित है। इस प्रकार, यदि खिलाड़ी औसत से कम प्रदर्शन करते हैं, तो उनके वेतन में कटौती हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 की पराजय और न्यूजीलैंड के हाथों 0-3 की हार जैसी भारत की असफलताओं ने उसे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल की प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया। हार ने बीसीसीआई को ऐसे बदलावों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया, जो जिम्मेदारी और बेहतर परिणाम पैदा करेंगे।
खराब प्रदर्शन पर वेतन में कटौती का डाउनग्रेड करने की तैयारी
हालांकि सिस्टम के बारीक विवरण अब तक स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किए गए हैं, लेकिन बीसीसीआई ने खराब प्रदर्शन के मामले में मैच फीस में कटौती करने या केंद्रीय अनुबंधों की सूची में कुछ खिलाड़ियों को डाउनग्रेड करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह कदम उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
बीसीसीआई ने 2024 में एक प्रोत्साहन योजना शुरू की, जिसमें वह क्रिकेटरों को अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था। प्रोत्साहन प्रणाली के अनुसार, एक खिलाड़ी को 2022-23 सत्र से 50% टेस्ट मैचों में खेले गए प्रत्येक मैच के लिए 30 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा।
यह कार्य टीम इंडिया के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि वह अगली सीमित ओवरों की सीरीज और चैम्पियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड से खेलेगी, जिसमें बीसीसीआई कई खिलाड़ियों के प्रदर्शन और समग्र टीम संतुलन में सुधार की उम्मीद करेगा।