1. Home
  2. हिन्दी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. बांग्लादेश का भारत को संदेश : शेख हसीना के बयान द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए ठीक नहीं
बांग्लादेश का भारत को संदेश : शेख हसीना के बयान द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए ठीक नहीं

बांग्लादेश का भारत को संदेश : शेख हसीना के बयान द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए ठीक नहीं

0
Social Share

ढाका, 14 अगस्त। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद गठित नई अंतरिम सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त को संदेश दिया है कि पूर्व पीएम शेख हसीना के हालिया बयान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए ठीक नहीं हैं। दरअसल, विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने आज भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से बात की और कहा कि भारत से आने वाले पूर्व प्रधानमंत्री के ऐसे बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ठीक नहीं हैं।

समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त से शिष्टाचार भेंट के बाद एक बयान में यह जानकारी दी। स्मरण रहे कि हाल ही में भारत में शरण लेने के बाद आवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने बयान दिया था कि बांग्लादेश में हुए छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के पीछे अमेरिका का हाथ है, जिसके कारण उन्हें गत पांच अगस्त को प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इस तरह के बयान को खारिज कर दिया था।

विदेश मंत्रालय ने जन-केंद्रित सहभागिताबढ़ाने पर जोर दिया

वहीं, मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भारत के साथ आने वाले दिनों में और ज्यादा ‘जन-केंद्रित सहभागिता’ पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने खासतौर पर बांग्लादेश बार्डर पर हत्या रोकने, तीस्ता जल बंटवारा समझौते को पूरा करने और जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया है।

तौहीद हुसैन की इन मुद्दों पर भी हुई भारतीय उच्चायुक्त से बातचीत

मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रही घटनाओं के बारे में मीडिया द्वारा चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है।

छात्रों के नेतृत्व में हुए जन-विद्रोह के माध्यम से दूसरी आजादी देखी गई

उन्होंने बांग्लादेश के वर्तमान हालातों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते छात्रों के नेतृत्व में हुए जन-विद्रोह के माध्यम से ही बांग्लादेश में दूसरी आजादी देखी गई है, जिसमें छात्रों और जनता की आवाज असमानताओं को खत्म करने की कोशिश में दमनकारी ताकतों के खिलाफ विजयी हुई हैं। उन्होंने बताया कि भेदभावपूर्ण सार्वजनिक सेवा भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ छात्र आंदोलन जल्द ही एक क्रांतिकारी संघर्ष में बदल गया।

कानून व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है तैयारी

तौहीद हुसैन ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस छात्रों और लोगों के अनुरोध पर अंतरिम सरकार की कमान संभालने के लिए सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस अंतरिम सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश में बिगड़ी कानून व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है। हालांकि, सरकार लोगों और खासतौर पर युवाओं के मुद्दों पर विशेष काम कर रही है।

अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा नहीं की जाएगी बर्दाश्त

उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए माहौल बनाने के लिए तैयार है। इसी क्रम में सभी धार्मिक और जातीय समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा या धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी धार्मिक समूह और अन्य राजनीतिक दल भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

 

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code