बांग्लादेश : ISKCON के पूर्व सदस्य हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को कोर्ट ने नहीं दी जमानत
ढाका, 2 जनवरी। ISKCON के पूर्व सदस्य व हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका की स्थानीय अदालत से गुरुवार को झटका लगा, जब कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दी। चिन्मय कृष्ण दास को कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था। अब खबर है कि दास के वकील हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
दास के वकील अब हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे
लोक अभियोजक एडवोकेट मुफिजुल हक भुइयां ने ‘डेली स्टार’ से बातचीत में बताया कि चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन्स जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने दोनों पक्षों की दलीलों को करीब आधे घंटे तक सुना। इसके बाद दास की जमानत याचिका खारिज कर दी। दास के वकील अपूर्व कुमार का कहना है कि अब जमानत के लिए हाई कोर्ट जाने की योजना बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान हिन्दू सहित अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हमलों व हिंसा के बीच ढाका पुलिस ने गत वर्ष 25 नवम्बर को राजद्रोह के आरोपों में दास को गिरफ्तार किया था। दास की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने काफी धरना-प्रदर्शन भी किया था।
अपूर्व ने एक दिन पहले अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में जानकारी दी थी, ‘हम एन्जीबी ओक्या परिषद के बैनर तले चटगांव आए हैं और चिन्मय की जमानत के लिए कोर्ट जाएंगे। मुझे पहले ही चिन्मय से वकालतनामा मिल गया है। मैं सुप्रीम कोर्ट और चटगांव बार एसोसिएशन्स का सदस्य हूं। ऐसे में मुझे केस को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी स्थानीय वकील की मुहर की जरूरत नहीं है।’
इससे पहले भी हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील रविंद्र घोष ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जो खारिज हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पास कोर्ट में चिन्मय का मामला पेश करने के लिए वकालतनामा और स्थानीय वकील की मुहर नहीं थी। तीन दिसम्बर 2023 को चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज सैफुल इस्लाम ने दो जनवरी की तारीख सुनवाई के लिए तय की थी।