सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग की कई गलतियों से हुआ था बालासोर रेल हादसा, सीआरएस ने रेलवे बोर्ड को सौंपी रिपोर्ट
भुवनेश्वर, 4 जुलाई। ओडिशा के बालासोर में गत दो जून को हुए भयावह रेल हादसे का सच सामने आ गया है। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट दी है, जिसमें सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग की कई गलतियों के कारण हादसा होने का उल्लेख किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे के लिए बाहानगा बाजार स्टेशन मास्टर एसवी मोहन्ती की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। सीआरएस की जांच रिपार्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम में गलती होने की बात भी दर्शाई गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम में गड़बड़ी का स्टेशन मास्टर ने नहीं किया रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम चेंज करने पर 14 सेकेंड में सिग्नल बदल जाना चाहिए। लेकिन, हादसे के दिन सिग्नल में अस्वभाविक बदलाव देखने को मिला था। उस दिन सिग्नल बदलने में 14 सेकेंड की बजाय 37 सेकेंड का समय लगा। अस्वभाविक बदलाव को लेकर स्टेशन मास्टर को रिपोर्ट करना चाहिए था। रिपोर्ट करने के साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस को रोक देना चाहिए था। हालांकि, स्टेशन मास्टर ने ऐसा नहीं किया, जिससे यह हादसा हुआ है।
आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया
इसके अलावा रेलव सुरक्षा आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया है। 2018 में बाहानगा बाजार स्टेशन का सिग्नल सर्किट प्वॉइंट बदला गया था। लेकिन इस चेंज को डॉक्योमेंट नहीं किया गया था। वेयरिंग डायग्राम में यह चेंज दिखाई नहीं दे रहा था।
भयावह हादसे में 293 जानें गई थीं, लगभग 1200 घायल
गौरतलब है कि यह भयावह हादसा एक माह पूर्व गत दो जून की शाम बालासोर के बहनगा रेलवे स्टेशन के पास हुआ। इस हादसे में तीन ट्रेनों की शामिल थी। दो सुपर फास्ट ट्रेनों के कुल 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दौरान सबसे पहले कोरोमंडल मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ बगल के ट्रैक पर चले गए, जिस पर यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी। इन डिब्बों से यह ट्रेन जा टकराई और भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में कुल 293 लोगों की मौत हो गई और लगभग 1200 लोग घायल हुए हैं। अब भी कई घायलों का विभिन्न अस्पतालों इलाज चल रहा है।