ऑस्ट्रेलियाई अखबार का दावा : गलवान झड़प के दौरान नदी में बह गए थे 38 चीनी फौजी, बताए थे सिर्फ 4
नई दिल्ली, 3 फरवरी। भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। अब एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ‘द क्लैक्सन’ में प्रकाशित एंथनी क्लान की विशेष रिपोर्ट में दावा किया गया है भारत और चीन के बीच जून, 2020 में हुई हिंसक झड़प में कम से कम 38 चीनी सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने आधिकारिक तौर पर सिर्फ चार सैनिकों की मौत की बात कबूली थी। उस हिंसक झड़प में भारत के भी 20 जवान शहीद हुए थे।
बीजिंग छिपा रहा गलवान हिंसक झड़प के तथ्य
चिंदी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के कई यूजर्स के हवाले से भी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उस रात कम से कम 38 चीनी सैनिक नदी के तेज बहाव में बह गए थे। लेकिन चीन द्वारा महज चार सैनिकों की मौत के बारे में ही बताया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जून, 2020 में हुई उस हिंसक झड़प में क्या हुआ था और झड़प क्यों हुई थी, इसके फैक्ट्स बीजिंग द्वारा छिपाए जा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि दुनिया को चीन सिर्फ मनगढ़ंत कहानियां सुना रहा है। ऐसे में कई ब्लॉग और पेज को चीनी अधिकारियों द्वारा हटा दिया गया है। यह रिपोर्ट अज्ञात सोशल मीडिया शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए शोध पर आधारित है, जिनके स्रोतों में चीनी ब्लॉगर्स, मुख्य भूमि-आधारित चीनी नागरिकों से प्राप्त जानकारी और मीडिया रिपोर्ट शामिल हैं, जिन्हें चीनी अधिकारियों द्वारा हटा दिया गया है।
15-16 जून, 2020 को गलवान में भारत व चीन के बीच हुई थी हिंसक झड़प
रिपोर्ट के अनुसार, 15-16 जून, 2020 को गलवान में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस तरह से दोनों देश पिछले चार दशकों में पहली बार आमने-सामने आए थे। इस हिंसक झड़प में मारे गए सैनिकों की संख्या को चीन छिपाता रहा। हालांकि, चीन ने पिछले साल फरवरी में अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत सम्मानित करने की घोषणा की थी। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि अपने चार सैनिकों की मौत की बात चीन ने कबूली थी।
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया कि जहां वांग नाम के सैनिक की मौत डूबने से हुई तो वहीं बाकी तीन संघर्ष के दौरान मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार, गलवान नदी के एक सिरे पर 15 जून को भारतीय सैनिकों द्वारा बनाए गए एक अस्थायी पुल के बाद हिंसक झड़प शुरू हुई थी। भारत द्वारा पुल निर्माण का फैसला तब लिया गया था, जब इस क्षेत्र में चीन ने अवैध रूप से निर्माण करना शुरू कर दिया था। साथ ही चीनी सेना ने यहां सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी थी।