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अतीक अहमद की बहन ने उच्चतम न्यायालय से लगाई गुहार, कहा – स्वतंत्र जांच कराई जाए

अतीक अहमद की बहन ने उच्चतम न्यायालय से लगाई गुहार, कहा – स्वतंत्र जांच कराई जाए

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नई दिल्ली, 27 जून।  कुछ महीने पहले मारे गये कुख्यात अपराधियों – अतीक अहमद और अशरफ की बहन ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर उनकी ‘हिरासत में’ और ‘न्यायेतर मौत’ की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित करने की मांग की है।

अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की अप्रैल महीने में प्रयागराज में उस समय हत्या कर दी गयी थी, जब दोनों को पुलिस कर्मी मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जा रहे थे। दोनों की बहन आयशा नूरी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके परिवार को निशाना बनाकर मुठभेड़ में हत्या करने, गिरफ्तारी करने और उत्पीड़न करने का अभियान चलाया जा रहा है और इस मामले में किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा व्यापक जांच कराई जानी चाहिए।

याचिका में कहा गया है, ‘सरकार प्रायोजित हत्याओं’ में अपने भाइयों और भतीजे को खो चुकी याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तत्काल रिट याचिका के माध्यम से इस अदालत में गुहार लगाने को बाध्य है कि प्रतिवादियों द्वारा ‘न्यायेतर हत्याओं’ के अभियान की व्यापक जांच इस अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा कराई जाए।’

इसमें आरोप लगाया गया है, ‘प्रतिवादियों-पुलिस अधिकारियों को उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है जिसने उन्हें बदले की भावना क तहत याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों की हत्या करने, उन्हें गिरफ्तार करने और उनका उत्पीड़न करने की पूरी छूट दे रखी है।’

याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों को चुप करने के लिए सरकार उन्हें एक के बाद एक झूठे मामलों में फंसा रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जरूरी है कि कोई स्वतंत्र एजेंसी जांच करे जो उच्चस्तरीय सरकारी प्रतिनिधियों की भूमिका का आकलन कर सकेगी जिन्होंने याचिकाकर्ता के परिवार को निशाना बनाने के लिए अभियान चलाने की साजिश रची और उसे अंजाम दिया था।

शीर्ष अदालत में एक अलग याचिका में वकील विशाल तिवारी ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने 28 अप्रैल को तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में चिकित्सा जांच के लिए एक अस्पताल ले जाते समय मीडिया के सामने क्यों पेश किया गया था ?

उत्तर प्रदेश की ओर से पक्ष रख रहे वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि राज्य सरकार घटना की जांच कर रही है और उसने इस बाबत तीन सदस्यीय आयोग बनाया है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को घटना के बाद उठाये गये कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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