अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक, नहीं पहुंची शाइस्ता परवीन
प्रयागराज, 16 अप्रैल। प्रयागराज पुलिस की अभिरक्षा में शनिवार की रात गोलियों से छलनी कर दिए गए बाहुबली माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ को आज देर शाम कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इसके साथ ही पिछले 40 वर्षों से आतंक के पर्याय रहे माफिया का आज हमेशा के लिए अंत हो गया।
पिता अतीक और चाचा अशरफ के जनाजे में शामिल होने के लिए बाल गृह सुधार में बंद अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को भी एंबुलेंस से कब्रिस्तान लाया गया था। हालांकि भाई असद के जनाजे में ये दोनों शामिल नहीं हो सके थे। इसके अलावा अशरफ की नाबालिग बेटियां और नाते-रिश्तेदार भी कब्रिस्तान पहुंचे थे। अतीक की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन के भी पहुंचने की चर्चा थी, लेकिन वह न तो बेटे असद की मौत पर पहुंची और न ही पति के इंतकाल पर नजर आई।
इसके पूर्व अस्पताल में पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद अतीक और अशरफ के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया था। दोनों भाइयों के शवों को एंबुलेस से उनके मूल निवास स्थान चकिया के कसारी-मसारी कब्रिस्तान लाया गया। कब्रिस्तान में भारी पुलिस बल मौजूदगी के बीच अतीक और अशरफ के कुछ दूर के रिश्तेदार और स्थानीय लोग मौजूद थे।
गौरतलब है कि पुलिस की गोलियों का शिकार हुए उमेश पाल हत्याकांड के आरोपित अतीक के बेटे असद को भी पुलिस सुरक्षा में बीते शनिवार को सुबह इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। इसी कब्रिस्तान में अतीक के माता-पिता भी दफन हैं।