5 राज्यों के विधानसभा चुनाव घोषित : यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 7 चरणों में होगी वोटिंग
नई दिल्ली, 8 जनवरी। भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को अपराह्न पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और उनके सहयोगी चुनाव आयुक्तों ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांच राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश मेें सभी 7 चरणों में कराए जाएंगे मतदान
सुशील चंद्रा ने बताया कि इन राज्यों मे कुल सात चरणों में मतदान कराए जाएंगे। इनमें उत्तर प्रदेश में सभी सात चरणों में वोटिंग होगी। मणिपुर में दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे जबकि अन्य तीन राज्यों – पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक-एक चरण में मतदान कराए जाएंगे।
गौरतलब है कि गोवा विधानसभा का कार्यकाल इस वर्ष 15 मार्च, मणिपुर विधानसभा का 19 मार्च, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का 23 मार्च तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को समाप्त हो जाएगा।
10 फरवरी को होगी पहले चरण की वोटिंग, 10 मार्च को मतगणना
मुख्य चुनाव आयु्क्त ने बताया कि पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को कराया जाएगा जबकि अंतिम चरण की वोटिंग सात मार्च को होगी। सभी पांच राज्यों में 10 मार्च को मतगणना संपन्न कराई जाएगी।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी विस्तृत चुनाव कार्यक्रम देखने के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए 10, 14, 20, 23 व 27 फरवरी एवं तीन व सात मार्च को मतदान कराए जाएंगे। गोवा (40 सीट), उत्तराखंड (70 सीट) और पंजाब (117 सीट) में 14 फरवरी को एक चरण में ही चुनाव संपन्न कराएं जाएंगे जबकि मणिपुर (60 सीट) में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान कराए जाएंगे।
चुनाव वाले सभी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू
सुशील चंद्रा ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि इन राज्यों में कोविड से बचाव के साथ चुनाव कराए जाएंगे। प्रत्यशियों को विज्ञापन देकर अपना आपराधिक इतिहास बताना होगा सभी राजनीतिक दलों के लिए सुविधा एप बनाया गया है। सुविधा एप के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन संभव होगा।
15 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक, डिजिटल माध्यम से प्रचार करने की सलाह
सीईसी ने बताया कि कोविड-19 के फैलते प्रभाव को देखते हुए इस बार के चुनाव में 15 जनवरी तक सभी प्रकार की चुनावी रैलियों, रोडशो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैली और किसी जुलूस की अनुमति नहीं होगी। आयोग स्थिति की समीक्षा करेगा और आगे के लिए निर्देश जारी करेगा। राजनीतिक दलों को डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार करने की सलाह दी गई है। उम्मीदवारों के पक्ष में अधिकतम पांच लोगों का समूह घर-घर जाकर प्रचार कर सकता है।
80+ वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और कोविड संक्रमित कर सकते हैं पोस्टल बैलेट का प्रयोग
उन्होंने बताया कि पांच राज्यों में चुनाव के लिए मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है। 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं।
निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जाएगा
सुशील चंद्रा ने बताया कि कोरोना में चुनाव करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मतदान करना सबका कर्तव्य है। इस क्रम में मतदान के दौरान कोविड नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा। सभी निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जाएगा एवं सभी पात्र अधिकारियों को ‘एहतियाती खुराक’ का टीका लगाया जाएगा।
प्रत्येक सीट पर कम से कम एक मतदान केंद्र महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाएगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, ‘आयोग ने अनिवार्य किया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र विशेष रूप से महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। हमारे अधिकारियों ने इससे कहीं अधिक की पहचान की है। विधानसभा की 690 सीटें हैं, लेकिन हम ऐसे 1620 मतदान केंद्र बना रहे हैं।’
आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का ब्यौरा पार्टी की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा
चुनाव आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे मतदान उम्मीदवारों के रूप में चुने गए लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। उम्मीदवार के चयन के लिए उन्हें कारण भी देना होगा।