दिल्ली आबकारी नीति केस : जमानत पर हाई कोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चल रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। वह दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनकी जमानत पर लगाई गई रोक के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे हैं। केजरीवाल के वकीलों ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई की अपील की है।
हाई कोर्ट का तरीका कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के स्पष्ट आदेश के विपरीत
सीएम केजरीवाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, ‘जमानत आदेश पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का तरीका कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के स्पष्ट आदेश के विपरीत है और यह उस बुनियादी मौलिक सीमा का उल्लंघन करता है, जिस पर हमारे देश में जमानत के कानून आधारित हैं। सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है और केंद्र में सत्ता में मौजूदा सरकार का विरोधी है, केवल यह तथ्य उसके खिलाफ झूठा मामला बनाने का आधार नहीं हो सकता। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को कानूनी प्रक्रिया से वंचित करने का भी आधार नहीं हो सकता।’
‘हाई कोर्ट के आदेश से न्याय को पहुंची चोट‘
याचिका में यह भी कहा गया है कि कोर्ट के इस आदेश ने न्याय को चोट पहुंचाई ही है, साथ ही इससे याचिकार्ता को भी दुख पहुंचा है। कोर्ट के इस आदेश को एक पल के लिए भी जारी नहीं रखा जाना चाहिए। अदालत ने बार-बार यह माना है कि स्वतंत्रता से एक दिन के लिए भी वंचित होना ज्यादती है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश को रद करने के साथ-साथ रोक लगाए। इसके साथ ही न्याय के हित में याचिकाकर्ता की तत्काल रिहाई का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। हाई कोर्ट ने उन मानदंडों को नजरअंदाज कर दिया है, जो जमानत रद करने के लिए एक आवेदन पर निर्णय लेने के लिए जरूरी हैं। इसलिए, जमानत देने वाले आदेश पर रोक लगाने वाला आदेश एक दिन के लिए जारी नहीं रह सकता।
निचली अदालत ने दी थी जमानत, हाई कोर्ट ने लगाई रोक
गौरतलब है कि शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई तक जमानत पर रोक लगाई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल की जमानत पर रिहाई के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट में सुनवाई लंबित
ईडी ने अपनी एसएलपी में कहा है कि जांच के महत्वपूर्ण पड़ाव पर केजरीवाल को रिहा करने से जांच पर असर पड़ेगा क्योंकि केजरीवाल मुख्यमंत्री जैसे अहम पद पर हैं। इस पर हाई कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की उस दलील को ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया कि याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है। इस बीच जस्टिस सुधीर जैन ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट में सुनवाई लंबित है, तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा।